सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस: जानिए रीढ़ की हड्डी से जुड़ी इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव
कई लोग शारीरिक समस्याओं को यह सोचकर नजरअंदाज कर देते हैं कि वे अपने आप ही ठीक हो जाएंगी, लेकिन उनका ऐसा करना गलत हैं और उनकी यह लापरवाही गंभीर समस्या का कारण बन सकती है। ऐसा ही कुछ सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस नामक बीमारी के साथ भी है जिसकी शुरूआत गर्दन के दर्द से होती है और आगे चलकर यह रीढ़ की हड्डी को बुरी तरह प्रभावित करती है। चलिए आज इसी बीमारी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या है सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस?
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस रीढ़ की हड्डी से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसकी चपेट में किसी भी उम्र का व्यक्ति आ सकता है। यह बीमारी शुरूआत में मुख्य रूप से गर्दन में स्थित सर्वाइकल स्पाइन को प्रभावित करती है, इसलिए इसे गर्दन के गठिया के रूप में भी जाना जाता है। बाद में इस बीमारी के कारण न सिर्फ गर्दन की हड्डी बल्कि रीढ़ की हड्डी के जोड़ और डिस्क भी बुरी तरह प्रभावित होते हैं।
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का मुख्य कारण बैठते या फिर सोते समय गर्दन को ज्यादा देर तक झुकाकर रखना हो सकता है। इसके अलावा मोटापा, गर्दन पर लगी कोई पुरानी चोट और रीढ़ की सर्जरी जैसी कुछ समस्याओं के कारण भी सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस होने की आशंका बढ़ जाती है। इसी के साथ अगर आपको रोजाना भारी वजन उठाना पड़ता है या फिर ज्यादा झुकना पड़ता है तो इस वजह से भी सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस हो सकता है।
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से जुड़े लक्षण
मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होना और गर्दन में लगातार जकड़न बने रहना सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के मुख्य लक्षण होते हैं। इसके अलावा कंधों या बाजुओं में सुन्नपन का अहसास, सिर के पिछले हिस्से में दर्द और रात के समय खड़े होने या बैठने के बाद असहनीय दर्द होना भी सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण हैं। इसके साथ ही गर्दन को पीछे की ओर झुकाने पर और अधिक चलने पर दर्द होना भी सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के सामान्य लक्षण हैं।
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का कैसे पता लगाया जा सकता है?
अगर आपको अपने शरीर में सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि वह कुछ मेडिकल जांच करके यह बता सकें कि आपको यह बीमारी है या नहीं। इसके लिए डॉक्टर आपको एक्स-रे, CT स्कैन और MRI स्कैन कराने को कह सकता है। इसके अलावा सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रोमोग्राम टेस्ट या माइलोग्राम टेस्ट को भी बेहतर माना जाता है।
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से बचने के उपाय
अगर आप सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस से बचकर रहना चाहते हैं तो अपनी दिनचर्या में कुछ एक्सरसाइज शामिल कर लें और सही मुद्रा में बैठें और लेटें। इससे आपका आपका शरीर फिट रहेगा। इसके अलावा हेल्दी खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें और धूम्रपान और अल्कोहल आदि से दूरी बनाकर रखें। इसी के साथ वजन उठाते समय सावधान रहें और नियमित तौर पर सात से नौ घंटे की नींद जरूर लें।