स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है चक्रासन, जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
आजकल योग का चलन काफी बढ़ गया है और इसे शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर माना जाता है। हालांकि यह समझना बहुत ही जरूरी है कि योग मात्र एक क्रिया नहीं है, बल्कि अनेक योगासनों और मुद्राओं का मेल है, जिसमें शामिल प्रत्येक आसन खुद में एक अलग विशेषता समेटे हुए है। इन्हीं योगासनों में से एक है चक्रासन। चलिए फिर आज चक्रासन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
चक्रासन करने का तरीका
इस योगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाकर पैर फैलाते हुए पीठ के बल लेट जाएं। अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़े और एड़ियों को नितंबों से सटाएं, फिर अपनी कोहनियां मोड़कर हथेलियों को सिर के ऊपर से ले जाते हुए जमीन पर रखें। इसके बाद सामान्य तरीके से सांस लेते हुए धीरे-धीरे सिर को उठाने के साथ पीठ को मोड़ने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद सामान्य हो जाएं।
अभ्यास के दौरान बरतें ये सावधानियां
1) जिन लोगों को पेट या फिर रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कोई बीमारी है तो उनको भी इस योगासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए क्योंकि इसके कारण उनकी समस्या बढ़ सकती है। 2) अगर इस योगासन का अभ्यास करते समय आपके हाथ या पैर में दर्द होता है तो भी इस योगासन का अभ्यास न करें। 3) इस योगासन का अभ्यास करते समय किसी भी तरह की जल्दबाजी करने से बचें।
चक्रासन के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे
अगर आप नियमित तौर पर चक्रासन का अभ्यास करते हैं तो इससे आपको कई तरह के शारीरिक और मानसिक लाभ मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए इस योगासन के अभ्यास से पूरे शरीर की मांसपेशियों में मजबूती आती है। इसके अलावा इससे शरीर के लचीलेपन को भी बढ़ावा मिलता है और रीढ़ की हड्डी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वहीं, इससे दिमाग को शांति भी मिलती है और चिंता आदि से भी दूरी बनी रहती है।
चक्रासन का अभ्यास करने से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण टिप्स
1) चक्रासन दिखने में जितना आसान लगता है, उतना है नहीं। इसे करने के दौरान शुरुआत में कुछ असुविधा महसूस हो सकती हैं। इसलिए इस योगासन का अभ्यास योग विशेषज्ञ की निगरानी में करें। 2) इस योगासन का अभ्यास करने से पहले कुछ हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर लें और शुरूआत में इस योगासन का अभ्यास करते समय दीवार का सहारा लें। 3) इस योगासन का अभ्यास करते समय ज्यादा टाइट कपड़े न पहनें और खाली पेट रहें।