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प्रदूषित हवा में लेते हैं सांस? इससे हो सकते हैं चिंता और अवसाद का शिकार 

प्रदूषित हवा में लेते हैं सांस? इससे हो सकते हैं चिंता और अवसाद का शिकार 

लेखन सयाली
Apr 08, 2025
01:19 pm

क्या है खबर?

भारत में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है और हमारा देश दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों की सूची में तीसरे स्थान पर जा पहुंचा है। रोजाना प्रदूषित हवा में सांस लेना फेफड़ों को नुकसान पहुंचाकर हमें बीमार कर रहा है। हालांकि, वायु प्रदूषण का प्रभाव केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। हाल ही में हुए अध्ययन का दावा है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से अवसाद और चिंता का खतरा बढ़ता है।

अध्ययन

चीन के कॉलेजों ने मिलकर किया यह अध्ययन

इस अध्ययन को चीन की हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी और की क्रैनफील्ड यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित किया गया था। यह पर्यावरण विज्ञान और पारिस्थितिकी प्रौद्योगिकी नामक पत्रिका में प्रकाशित भी हुआ था। इसके जरिए पता चला है कि वायु प्रदूषण के अधिक संपर्क और अवसाद के बढ़े हुए जोखिम के बीच एक गहरा संबंध होता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि वायु प्रदूषक ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को बढ़ाकर तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है।

प्रक्रिया

अध्ययन में 45 लोगों ने लिया था भाग

इस शोध को पूरा करने के लिए चीन में 45 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले वयस्कों पर 7 साल तक नजर रखी गई थी। इसके अलावा, इस बात पर भी ध्यान केंद्रित किया गया था कि 6 प्रकार के सामान्य वायु प्रदूषक किस तरह प्रतिभागियों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं। अध्ययन के मुताबिक, सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) सबसे हानिकारक प्रदूषक बनकर उभरा है, जो अवसाद के जोखिम को सबसे ज्यादा बढ़ा सकता है।

परिणाम

प्रदूषकों का मिश्रण बढ़ा देता है अवसाद का जोखिम

शोध से यह भी सामने आया कि कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और महीन कण (PM2.5) भी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के विकास में भूमिका निभाते हैं। अध्ययन में आगे बताया गया है कि इन प्रदूषकों के मिश्रण के संपर्क में आने से अवसाद का जोखिम काफी हद तक बढ़ सकता है और व्यक्ति तनाव का शिकार बन सकता है। ये प्रदूषक खून के प्रवाह, ट्राइजेमिनल तंत्रिका या घ्राण रिसेप्टर न्यूरॉन्स के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

बचाव

वायु प्रदुषण से कैसे रहा जा सकता है सुरक्षित?

अगर आप अवसाद से बचना चाहते हैं तो ध्यान लगाने के साथ-साथ प्रदुषण से भी सुरक्षित रहें। इसके लिए सबसे ज्यादा प्रदूषित समय पर घर से बाहर न जाएं और अधिक प्रदुषण वाले स्थानों पर जाने से परहेज करें। अपने चेहरे पर मास्क लगाकर रखें, जो एक हल्की सुरक्षात्मक परत की तरह काम करेगा। इसके अलावा, अपने घर के अंदर एक अच्छी गुणवत्ता वाला एयर पीयूरिफायर जरूर लगवा लें। अवसाद के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह लें।