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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस: जानिए कब हुई इसकी शुरुआत और इसका महत्व

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस: जानिए कब हुई इसकी शुरुआत और इसका महत्व

लेखन अंजली
Feb 28, 2024
10:22 am

क्या है खबर?

हर साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हमारे जीवन में विज्ञान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 28 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का सबसे प्रमुख कारण देश के महान वैज्ञानिक सीवी रमन के खास अविष्कार को याद दिलाते रहना है। सीवी रमन को साल 1930 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। आइए आज हम आपको राष्ट्रीय विज्ञान दिवस से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।

इतिहास

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?

28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यही वो दिन है जब 'रमन प्रभाव' का पता लगाया था। वैज्ञानिक सीवी रमन ने 'रमन प्रभाव' की खोज 28 फरवरी, 1928 को की थी। इसी खोज के लिए उन्हें भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला था। इसी कारण इस खोज और रमन के सम्‍मान में 1986 से हर साल 28 फरवरी को राष्‍ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। बता दें, सीवी रमन का पूरा नाम सर चंद्रशेखर वेंकटरमन था।

जानकारी

रमन प्रभाव क्या है?

जब प्रकाश की किरणें पारदर्शी पदार्थ से गुजरती हैं तो उनमें क्या बदलाव आता है, इसी को 'रमन प्रभाव' कहा जाता है। रमन साल 1920 में जलयान से स्वदेश लौट रहे थे तो उन्होंने भूमध्य सागर के जल में नीला और दूधियापन देखा। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय पहुंचकर वस्तुओं में प्रकाश के बिखरने का नियमित अध्ययन शुरू किया और लगभग 7 वर्ष के बाद वे अपनी खोज पर पहुंचे, जो 'रमन प्रभाव' के नाम से विख्यात हुई।

थीम और महत्व

दिवस की थीम और इसका महत्व

इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम 'विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक' रखी गई है। इस दिन का उद्देश्य मानव कल्याण में वैज्ञानिकों के प्रयासों और उपलब्धियों का जश्न मनाना और उन्हें स्वीकार करना भी है। राष्ट्रीय दिवस मानना इसलिए भी जरूरी है ताकि लोगों को समझाया जा सके कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने किस तरह से प्रगति की है। इस दिवस के जरिए वैज्ञानिकों को आगे की खोज के प्रोत्साहित करना भी एक लक्ष्य है।

तरीके

कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस?

इस दिवस पर स्कूल, कॉलेज और विज्ञान कार्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कार्यक्रमों में निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, नाटक और प्रदर्शनियों का आयोजन भी किया जाता है। इसके अलावा हर साल विज्ञान के विकास के लिए अच्छा काम करने वाले वैज्ञानिकों को पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जाता है। इसी के साथ कई लोग सोशल मीडिया के जरिए भी विज्ञान को बढ़ावा देने की कोशिश करते हैं।