आयुर्वेद के अनुसार ऐसा होना चाहिए आपका खान-पान
अगर आपको कोई भी चीज सूट नहीं कर रही है जैसे व्यायाम या डाइट तो इसके पीछे का कारण शरीर के तीन मुख्य तत्व हो सकते हैं। आयुर्वेद में शरीर के तीन मुख्य तत्व माने गए हैं जिन्हें वात, पित्त और कफ के नाम से जाना जाता है और जब इनका संतुलन बिगड़ता है तो जीवनशैली काफी प्रभावित होती है। हालांकि, इस असंतुलन को ठीक करने के लिए भी आयुर्वेद में आहार से जुड़े कुछ सुझाव दे रखे हैं।
मीठे का कम सेवन
आयुर्वेद के मुताबिक, डाइट में अत्याधिक चीनी शामिल करना मतलब शारीरिक समस्याओं को न्यौता देने के बराबर है, क्योंकि मीठे का ज्यादा सेवन करने से व्यक्ति न सिर्फ मोटापे बल्कि मधुमेह जैसी गंभीर बीमारी से भी घिर सकता है। इसलिए आयुर्वेद में इसका सेवन कम करने की सलाह दी गई है। अगर आप मीठा खाने के शौकीन हैं तो अपने मीठे व्यंजनों को बनाने के लिए रिफाइंड चीनी की बजाय शहद या गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सब्जियों को पकाते समय रखें थोड़ा ध्यान
अगर आप खाना बनाते समय सब्जियों को पूरी तरह से पका या ज्यादा गला देते हैं तो ऐसा न करें, क्योंकि इस तरह से सब्जियों के पोषक तत्व कम होते हैं। अगर आप उनको कच्चा छोड़ देंगे तो ये आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। इसलिए खाना बनाते समय इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि आपको न तो सब्जियों को ज्यादा पकाना है और न ही उन्हें कच्चा छोड़ना है।
ऐसे खाद्य पदार्थों से बना लें दूरी
जिस प्रकार से ज्यादा मीठे का सेवन स्वास्थ्य के लिए सही नहीं माना जाता है। ठीक उसी प्रकार ज्यादा मसालेदार, तली-भुनी और ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन भी स्वास्थ्य के लिहाज से उचित नहीं है। इस तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन पाचन क्रिया को प्रभावित करता है जिसके कारण कई पेट संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इस तरह के खाद्य पदार्थों से थोड़ी दूरी बना लें।
स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हैं ये आहार कॉम्बिनेशन
1) किसी भी तरह के फल के साथ दूध का सेवन न करें। हालांकि, बहुत से लोग इस कॉम्बिनेशन को शेक के रूप में पी लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इसे सेहत के लिए ठीक नहीं बताया गया है। 2) बहुत ज्यादा ठंडे खाद्य पदार्थों के साथ गर्मा-गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन भी सही नहीं होता है।। 3) दूध के साथ कोई भी नमक युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन भी सेहत को प्रभावित करता है।