लोगों को हैं फिटनेस से जुड़े ये भ्रम, जानिये इनकी सच्चाई
फिटनेस को लेकर जिस प्रकार से लोगों में सतर्कता बढ़ती जा रही है, ठीक उसी प्रकार लोगों के मन में फिटनेस से जुड़े ऐसे कई भ्रमों को बढ़ावा मिल रहा है जिनको वे सच मानते हैं, लेकिन वे हकीकत से कोसों दूर हैं। आज हम आपको फिटनेस से जुड़े ऐसे ही कुछ भ्रमों और उनकी सच्चाई के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी जानकारी होना ही आपके लिए फायदेमंद है। चलिए फिर जानते हैं।
जितनी ज्यादा एक्सरसाइज, उतनी बेहतर होगी फिटनेस
यह एक गलत धारणा है कि जितनी ज्यादा एक्सरसाइज करेंगे उतनी बेहतर फिटनेस होगी। व्यक्ति के लिए हफ्ते में पांच दिन आधा-आधा घंटा किसी भी प्रकार की एक्सरसाइज करना फायदेमंद है। इससे न सिर्फ वजन पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतर होता है। साथ ही शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। वहीं व्यक्ति के लिए रोजाना ज्यादा एक्सरसाइज करना मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता हो सकता है।
खाली पेट एक्सरसाइज करना लाभकारी होता है?
कुछ लोगों का मानना है कि सुबह खाली पेट वर्कआउट करने से अधिक तेजी से वजन घटाने में मदद मिलती है जबकि अभी तक इस बात को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं किया जा सका है। वास्तव में खाली पेट वर्कआउट करने से बेहद थकान महसूस होती है। दरअसल, शरीर को मांसपेशियां बनाने और कैलोरीज बर्न करने के लिए भी ईंधन की आवश्यकता होती है। इसलिए वर्कआउट करने से करीब एक घंटा पहले कुछ हल्का नाश्ता करना फायदेमंद रहता है।
आराम न करने से जल्द फिट होते हैं?
शरीर एक मशीन की तरह है। जिस तरह किसी भी मशीन को अगर आप नियमित तौर पर इस्तेमाल करते रहते हैं तो उसकी दक्षता कम होने लगती है। शरीर भी ठीक इसी तरह से काम करता है। एनर्जी से लेकर थकान को नियंत्रित करने के लिए शरीर और उसकी मांसपेशियों को उचित आराम की जरूरत होती है। इसलिए जब हम शरीर को सही आराम देते हैं तो उससे एनर्जी मिलती है और फिर से वर्कआउट करने में मदद मिलती है।
वजन घटाने के लिए के लिए कार्डियो सबसे ज्यादा फायदेमंद है?
कई लोग इस बात को सच मानते हैं कि सिर्फ कार्डियो ही वजन नियंत्रित करने में मदद करता है। हालांकि, यह बात सही है कि कार्डियो वजन नियंत्रित करने में मदद करता है, लेकिन इससे शरीर की मांसपेशियां ढीली होने लगती हैं जो वजन नियंत्रित करने के लिए सही नहीं है। एक बात को अच्छे से समझ लीजिए कि आप वजन को कम करना चाहते हैं न कि मांसपेशियों की मजबूती को।