महिलाओं पर खूब जचती हैं ओडिशा की ये 5 पारंपरिक साड़ियां, एक बार जरूरी करें ट्राई
ओडिशा अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ पारंपरिक साड़ियों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। अगर आप कभी वहां घूमने जाएं तो वहां की पारंपरिक साड़ियां खरीदना न भूलें। ओडिशा की साड़ियां हर महिला के लुक को बहुत आकर्षक बना सकती हैं। ऐसे में वहां की ये बेहतरीन साड़ियां आपकी अलमारी में जरूर होनी चाहिए। आइए आज हम आपको ओडिशा की पांच सबसे मशहूर पारंपरिक साड़ियों के बारे में बताते हैं।
बोमकाई साड़ी
बोमकाई साड़ी राज्य के गंजम जिले के बोमकाई गांव में बनाई जाती है। यह साड़ी भारत की सबसे लोकप्रिय हथकरघा साड़ी है और इस पर आदिवासी कला की छवी साफ दिखाई देती है। आमतौर यह साड़ी काले, नारंगी, लाल, नीले और पीले रंग में उपलब्ध होती है और इस पर होने वाली आकर्षक डिजाइन और कढ़ाई महिलाओं को बहुत पसंद आती है। यह साड़ी कॉटन और सिल्क दोनों ही फैब्रिक में उपलब्ध होती हैं।
कोटपाड़ साड़ी
कोटपाड़ साड़ी ओडिशा की पहली ऐसे चीज है जिसे 2005 में भारत का ग्राफिकल इंडीकेटर (Geographical Indications) का टैग मिला था। बता दें ग्राफिकल इंडीकेटर एक ऐसा टैग है, जो किसी भी राज्य की विशिष्ट वस्तु का कानूनी अधिकार उसे दे दिया जाता है। ये टैग किसी खास वस्तु का दूसरी जगहों पर गैर-कानूनी प्रयोग को रोकने के लिए दिया जाता है। कोटपाड़ साड़ी कॉटन की होती हैं। ये पर्यावरण के अनुकूल भी हैं और कई रंगों में उपलब्ध हैं।
नुआपटना और कटक साड़ी
ये साड़ियां हाथ से बुनी जाती हैं और हल्की होती हैं। इनका वजन लगभग 300 ग्राम है, जो साड़ी पहनने की शुरूआत करने वाली महिलाओं के लिए आरामदायक और बांधने में आसान होती हैं। कठिन पैटर्न वाली इन चमकदार साड़ियों की उत्पत्ति 12वीं शताब्दी में पुरी के भगवान जगन्नाथ के प्रति समर्पण दिखाने के लिए हुई थी। आप इन साड़ियों को कंटेंपरेरी या ट्रेडिशनल लुक के लिए पहन सकती हैं।
संबलपुरी इक्कात
ओडिशा की संबलपुरी इक्कात साड़ी को भी जरूर खरीदना चाहिए, जिसे धागे को रंगने के बाद बुना जाता है। इन साड़ियों को बुनने में कई महीने लगते हैं। इन साड़ियों में पक्षियों, रुद्राक्ष के मोतियों, जानवरों, और मंदिर के डिजाइन बनाए जाते हैं। इन साड़ियों को महिलाएं किसी भी अवसर पर पहन सकती हैं। बता दें कि भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को संबलपुरी इक्कात की साड़ियां पहनना बहुत पसंद था।
सक्तापुर साड़ी
सक्तापुर साड़ियों को सिल्क, कॉटन, टसर और टसर यार्न के मिश्रण से बुना जाता है। इन साड़ियों में चेकबोर्ड डिजाइन होते हैं। इन साड़ियों को लोकप्रियता तब मिली जब इंदिरा गांधी ने इन्हें पहनना शुरू किया। ये साड़ियां आपके लुक को बिल्कुल अलग तरीके से ट्रेडिशनल बनाती है। इसके अलावा ये साड़ियां पहनने में भी बहुत आरामदायक होती हैं। इन साड़ियों को आप ऑफिस से लेकर छोटे-मोटे मौकों पर बड़े ही आसानी से पहन सकती हैं।