दशहरे पर करें भगवान श्रीराम के इन 5 मंदिरों के दर्शन, पूरी होंगी मनोकामनाएं
आज देश के कोने-कोने में दशहरे की धूम है, जो अधर्म पर धर्म और अच्छाई की विजय का प्रतीक है। मान्यताओं के अनुसार, त्रेतायुग में आश्विन मास की शुक्लपक्ष की 10वीं तिथि के दिन प्रभु श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था। तभी से हर साल इस दिन रावण के पुतले को जलाने की परंपरा शुरू हो गई थी। इस पावन त्योहार पर आपको भगवान श्रीराम के इन 5 मंदिरों के दर्शन करने जाना चाहिए।
अयोध्या राम मंदिर
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में ही श्रीराम का जन्म हुआ था, जहां उनका भव्य राम मंदिर बनवाया गया है। इस मंदिर में श्रीराम के बाल स्वरूप रामलल्ला की मूर्ति विराजमान है, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई थी। यहां आप राजा दशरथ का महल देख सकते हैं और कनक भवन के दर्शन कर सकते हैं, जो माता सीता और श्रीराम का निजी महल हुआ करता था। अयोध्या आकर आपको सरयू में स्नान भी करना चाहिए।
राम राजा मंदिर
मध्य प्रदेश स्थित ओरछा को बुंदेलखंड की अयोध्या कहा जाता है, जहां का राम राजा मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह पूरी दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां प्रभु श्रीराम एक राजा के रूप में विराजमान हैं। इस अद्भुत मंदिर में गार्ड ऑफ हॉनर देकर भगवान राम को सशस्त्र सलामी देने की परंपरा सालों से निभाई जा रही है। यहां के लोग नारे लगाते हैं, 'राम के 2 निवास खास, दिवस ओरछा रहत, शयन अयोध्या वास।'
सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर
दक्षिण भारत के तेलंगाना में बसा हुआ सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर माता सीता और श्रीराम को समर्पित है। इस मंदिर को भद्राचलम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर उस स्थान पर बनाया गया है, जहां से श्रीराम ने माता सीता को लंका से वापस लाते समय गोदावरी नदी को पार किया था। इस मंदिर में श्रीराम के धनुष-बाण के साथ उनका त्रिभंगा भी स्थापित है।
श्रीराम तीर्थ मंदिर
श्रीराम तीर्थ मंदिर पंजाब के अमृतसर में स्थित एक बेहद सुंदर हिंदू तीर्थ स्थल है। मान्यताओं के मुताबिक, इस जगह पर ही माता सीता ने अयोध्या त्यागने के बाद लव और कुश को जन्म दिया था। इसके अलावा, इस मंदिर को महर्षि वाल्मीकि का निवास स्थान भी कहा जाता है, जहां उनकी 8 फुट ऊंची मूर्ति स्थापित है। माना जाता है कि इसी स्थान पर बैठकर महर्षि वाल्मीकि ने रामायण लिखी थी।
कालाराम मंदिर
महाराष्ट्र के शहर नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित कालाराम मंदिर श्रीराम के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में स्थापित भगवान राम की 2 फीट ऊंची काली मूर्ति के कारण इसका नाम कालाराम मंदिर पड़ा था। सरदार रंगारू ओढेकर को एक बार सपना आया कि गोदावरी नदी में श्रीराम की एक काली मूर्ति तैर रही है। इसके अगले ही दिन उन्होंने उस मूर्ति को नदी से निकाला और मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया।