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इस जगह पर होगा दुनिया के सबसे ऊंचे रावण का दहन, जानिए खास बातें

इस जगह पर होगा दुनिया के सबसे ऊंचे रावण का दहन, जानिए खास बातें

लेखन अंजली
Oct 05, 2019
11:08 am

क्या है खबर?

इस साल दशहरा 8 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हर साल की तरह ही इस साल भी भारत की कई जगहों पर भव्य मेले लगाए गए हैं, लेकिन ज्यादातर मेलों में मुख्य आकर्षण का केंद्र सिर्फ रावण का पुतला होता है। भारत में कई जगह पर रावण के बड़े-बड़े पुतलों का दहन किया जाता है। इस साल भी दशहरे वाले दिन एक जगह पर दुनिया के सबसे बड़े रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। आइए जानें।

जगह

चंडीगढ़ में किया जाएगा देश के सबसे बड़े रावण के पुतले का दहन

इस साल दशहरे वाले दिन पूरे देश का ध्यान चंडीगढ़ की तरफ रहेगा, क्योंकि इस साल चंडीगढ़, सिटी ब्यूटीफुल में देश के सबसे बड़े रावण का दहन किया जाएगा। इस पुतले की ऊंचाई 221 फीट है, जिसके कारण यह मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इस पुतले की तैयारी धनास कॉलोनी के परेड ग्राउंड में की जा रही है और इसी ग्राउंड में ही इस पुतले का दहन किया जाएगा।

समय

रावण को बनाने में लगा छह महीने का समय

इस पुतले को बनाने की तैयारी छह महीने से चल रही थी। आपको बता दें कि 40 लोगों की टीम ने इसे तैयार किया है और इसको बनाने के लिए 30 लाख रुपये खर्च हुआ। इसके अलावा रावण में रिमोट के जरिए धमाका किया जाएगा। इसके लिए पुतले की 20 अलग-अलग जगहों पर पटाखे लगाए गए हैं और इसमें ईको फ्रेंडली पटाखों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे आम पटाखों के मुकाबले 80% प्रदुषण कम होगा।

जानकारी

तजिंदर सिंह चौहान ने तैयार किया है पुतला

रावण के पुतले को तैयार करने वाले तजिंदर सिंह चौहान ने बताया कि पुतले को इस तरह तैयार किया गया है कि अगर दशहरे के दिन बारिश आ भी जाए तो भी पुतले का दहन आसानी से किया जा सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि पुतले को बनाने में तीन हजार मीटर कपड़ा और ढाई हजार मीटर जूट के मैट का इस्तेमाल किया गया है। बनावट इस तरह की गई है कि बारिश का पानी अंदर न जा पाए।

खर्च

रावण बनाने के लिए 12 एकड़ जमीन बेची

तजिंदर ने बताया कि उन्होंने 1987 में पहली बार रावण का पुतला बनाया था। उसके बाद से ही हर साल इसे बनाते आ रहे हैं और इन पुतलो को बनाने में आए खर्च के लिए तजिंदर अब तक अपनी 12 एकड़ जमीन बेच चुके हैं। इस बार शिव पार्वती सेवा दल की ओर से इसका पूरा खर्च उठाया गया है। इसके अलावा तजिंदर ने बताया कि इस बार का पुतला वे धनास ग्राउंड में बना रहे हैं।

जानकारी

पांच बार लिमका बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हो चुका है नाम

तेजिंदर ने बताया कि उन्होंने 2011 में 175 फुट ऊंचा पूतला बनाकर पहली बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया था। इसके बाद से ही वह हर साल पुतले की ऊचांई बढ़ाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवा रहे हैं।