
सनस्क्रीन से जुड़े 5 आम भ्रम, जिन्हें आपको अब मानना बंद कर देना चाहिए
क्या है खबर?
सनस्क्रीन का इस्तेमाल हमारी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए किया जाता है, लेकिन इसके बारे में कई भ्रम हैं, जो लोगों को भ्रमित करते हैं।
इन भ्रमों के कारण लोग सनस्क्रीन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते हैं।
इस लेख में हम ऐसे ही कुछ आम भ्रमों और उनकी सच्चाई के बारे में बताएंगे ताकि आपको इसे लेकर किसी तरह की उलझन न हो।
#1
भ्रम- केवल धूप में रहने पर ही सनस्क्रीन की जरूरत होती है
बहुत से लोग सोचते हैं कि सनस्क्रीन केवल तब लगाना चाहिए जब वे धूप में बाहर जा रहे हों, लेकिन यह एक गलतफहमी है।
सूरज की हानिकारक यूवी किरणें बादलों के पीछे छिपी रहती हैं और घर के अंदर भी खिड़की या दरवाजे से आ सकती हैं। इसलिए चाहे आप घर के अंदर हों या बाहर, हर दिन सनस्क्रीन लगाना जरूरी होता है ताकि आपकी त्वचा सुरक्षित रहे।
#2
भ्रम- गहरे रंग की त्वचा वालों को सनस्क्रीन की जरूरत नहीं होती है
यह धारणा भी गलत है कि गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं होती है।
हालांकि, गहरी त्वचा वाले लोगों में प्राकृतिक रूप से अधिक मेलेनिन होता है, जो कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करता है, फिर भी उन्हें यूवी किरणों से पूरी तरह बचाव नहीं मिलता है। इसलिए सभी प्रकार की त्वचा वालों को नियमित रूप से सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए।
#3
भ्रम- एक बार लगाने पर सनस्क्रीन पूरे दिन काम करती है
कुछ लोग मानते हैं कि एक बार सुबह-सुबह सनस्क्रीन लगाने के बाद पूरे दिन उसकी सुरक्षा मिलती रहती है, जबकि सच्चाई यह है कि पसीना, पानी और समय बीतने के साथ इसका असर कम हो जाता है।
इसलिए हर दो-तीन घंटे में इसे दोबारा लगाना जरूरी होता है, खासकर अगर आप तैराकी कर रहे हों या बहुत पसीना बहा रहे हों।
#4
भ्रम- उच्च Spf वाला ही सबसे अच्छा होता है
लोग अक्सर यह मानते हैं कि जितना अधिक Spf होगा, उतनी ही बेहतर सुरक्षा मिलेगी।
हालांकि, उच्च Spf कुछ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता जरूर है, लेकिन 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन भी पर्याप्त होता है।
उच्च Spf वाले उत्पाद महंगे होते हैं और कभी-कभी त्वचा पर भारी महसूस हो सकते हैं।
इसलिए अपनी त्वचा के लिए सही सनस्क्रीन का चुनाव करना जरूरी है ताकि आपको आरामदायक और प्रभावी सुरक्षा मिल सके।
#5
भ्रम- मेकअप प्रोडक्ट्स में मौजूद Spf काफी होता है
आजकल कई मेकअप प्रोडक्ट्स जैसे फाउंडेशन या मॉइस्चराइजर में Spf शामिल होता है, जिससे लोग समझते हैं कि ये पर्याप्त सुरक्षा देंगे।
हालांकि, ये प्रोडक्ट्स अक्सर इतनी मात्रा में नहीं लगाए जाते कि पूरी सुरक्षा मिल सके। इसके अलावा इनका Spf स्तर भी कम होता है। इसलिए हमेशा एक अच्छी क्वालिटी का सनस्क्रीन अलग से इस्तेमाल करना चाहिए ताकि आपकी त्वचा पूरी तरह सुरक्षित रह सके और सूरज की हानिकारक किरणों से बची रहे।