
अपनी कसरत दिनचर्या में शामिल करें पुश-अप्स के अलग-अलग प्रकार, रहेंगे फिट
क्या है खबर?
पुश-अप्स एक बेहतरीन एक्सरसाइज है, जो आपके ऊपरी शरीर की ताकत को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
यह एक्सरसाइज न केवल पुरुषों बल्कि महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता है। पुश-अप्स करने से छाती, कंधे और बाहों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
इस लेख में हम आपको कुछ खास पुश-अप वेरिएशन के बारे में बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप अपनी फिटनेस को एक नए स्तर पर ले जा सकते हैं।
#1
क्लासिक पुश-अप्स
क्लासिक पुश-अप्स सबसे सामान्य और प्रभावी तरीका है, जिससे आप अपने ऊपरी शरीर की ताकत बढ़ा सकते हैं।
इसे करने के लिए अपने हाथों को कंधे की चौड़ाई पर रखें और पैरों को पीछे सीधा करें। धीरे-धीरे अपनी छाती को जमीन की ओर लाएं और फिर वापस ऊपर उठें।
यह प्रक्रिया आपकी छाती, कंधे और बाहों की मांसपेशियों पर काम करती है।
शुरुआत में 10 से 15 बार करें और धीरे-धीरे संख्या बढ़ाएं।
#2
डायमंड पुश-अप्स
डायमंड पुश-अप्स आपके ट्राइसेप्स यानी बाहों के पिछले हिस्से पर खास असर डालते हैं।
इसे करने के लिए अपने हाथों को जमीन पर डायमंड आकार में रखें यानी अंगूठे और उंगलियों का सिरा मिलाकर एक त्रिकोण बनाएं।
अब क्लासिक पुश-अप्स जैसी ही स्थिति लें और अपनी छाती को नीचे लाते हुए ध्यान दें कि आपकी कुहनियां बाहर न जाएं।
यह वेरिएशन आपके ट्राइसेप्स के साथ-साथ छाती पर भी काम करता है।
#3
स्पाइडरमैन पुश-अप्स
स्पाइडरमैन पुश-अप्स आपके पूरे शरीर का संतुलन सुधारने में मदद करते हैं।
इसे करते समय जब आप नीचे झुकें तो एक पैर घुटने से मोड़कर उसे बाहर निकालें जैसे कि वह दीवार चढ़ रहा हो, फिर वापस सामान्य स्थिति में आएं और दूसरी तरफ दोहराएं।
यह वेरिएशन आपकी पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। साथ ही संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
#4
पाइक पुश-अप्स
अगर आप अपने कंधों की ताकत बढ़ाना चाहते हैं तो पाइक पुश-अप्स बहुत फायदेमंद होते हैं।
इसके लिए आपको अपने शरीर को वी आकार में रखना होता है, जिसमें आपका सिर नीचे झुका होता है और पैर सीधे होते हैं। अब अपनी कुहनियों को मोड़ते हुए सिर जमीन की ओर लाएं फिर वापस ऊपर उठें।
इस प्रक्रिया से आपके कंधे मजबूत होते हैं। साथ ही संतुलन भी बेहतर होता है।
#5
क्लैपिंग पुश-अप्स
क्लैपिंग पुश-अप्स उन लोगों के लिए होते हैं, जो पहले ही अच्छी फिटनेस हासिल कर चुके हों क्योंकि इसमें अधिक शक्ति लगती है।
इसमें आपको नीचे जाकर ऊपर आते समय हवा में ताली बजानी होती है। इससे आपकी गति क्षमता बढ़ती है और मांसपेशियां अधिक सक्रिय होती हैं।
ध्यान रखें कि यह थोड़ा कठिन हो सकता है इसलिए सावधानी से करें।