डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण से पहले अमेरिका छोड़ने से क्यों डर रहे H-1B वीजा वाले भारतीय?
क्या है खबर?
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। वे लगातार आव्रजन नीति को सख्त करने और अवैध प्रवासियों पर लगाम लगाने की बात कहते रहे हैं।
अब खबर आ रही है कि उनके शपथग्रहण से पहले कई भारतीय H-1B वीजा धारक अमेरिका से बाहर यात्रा करने से बच रहे हैं। इसके अलावा कई वीजाधारकों को कंपनियों और वकीलों ने 20 जनवरी से पहले अमेरिका लौटने को कहा है।
भारतीय
वीजाधारकों के डर के पीछे क्या है वजह?
द स्ट्रेट टाइम्स को कई भारतीयों ने बताया कि उनकी कंपनी और आव्रजन वकील उन्हें 20 जनवरी को ट्रंप के सत्ता में आने से पहले अमेरिका लौटने के लिए कह रहे हैं।
दरअसल, माना जा रहा है कि सत्ता में आते ही ट्रंप वीजा नियमों में बड़ा बदलाव कर सकते हैं। वे पहले भी इसके संकेत दे चुके हैं।
लोगों को डर है कि अगर नियम बदले तो उनका अमेरिका में दोबारा प्रवेश रुक सकता है।
ट्रंप का रुख
H-1B वीजा को लेकर क्या है ट्रंप का रुख?
2016 में रिपब्लिकन प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान ट्रंप ने कहा था, "हमें H-1B वीजा नहीं अपनाना चाहिए। यह श्रमिकों के लिए बहुत, बहुत बुरा है।"
हालांकि, हाल ही में उन्होंने कहा था कि वे H-1B वीजा का समर्थन करते हैं। इससे सख्त प्रवास नीति की मांग कर रहे उनके समर्थक नाराज हो गए हैं।
दुनिया के सबसे अमीर शख्स और ट्रंप प्रशासन में सहयोगी एलन मस्क भी इसके पक्ष में हैं।
भारतीय
भारतीयों को सबसे ज्यादा मिलता है H-1B वीजा
अमेरिका हर साल 85,000 H-1B वीजा जारी करता है। इनमें से 20,000 छात्रों को दिए जाते हैं।
H-1B वीजा पाने वालों में सबसे ज्यादा भारतीय हैं। अमेरिका सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक 3.86 लाख H-1B वीजा जारी किए गए थे। इनमें नए और नवीनीकरण दोनों के आंकड़े शामिल हैं।
इनमें से 72 प्रतिशत भारतीयों को दिए गए। इसके बाद 12 प्रतिशत चीनी नागरिकों को मिले।
वीजा
क्या होता है H-1B वीजा?
H-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा होता है, जिसकी शुरुआत 1990 में हुई थी। इसके तहत अमेरिकी कंपनियां दक्ष कर्मचारियों को अपने नौकरियां देती हैं।
आमतौर पर इन व्यव्सायों के लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता वाले लोगों की जरूरत होती है। हर साल अमेरिकी कंपनियां इसी वीजा के सहारे हजारों पेशेवरों को नौकरी पर रखती हैं।
ये वीजा 3 साल के लिए जारी किया जाता है और इसे अगले 3 साल के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।