भारत ने किया पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रूद्रम' का सफल परीक्षण
मिसाइल क्षेत्र में एक और बड़ा मुकाम हासिल करते हुए भारत ने शुक्रवार को स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रूद्रम' का सफल परीक्षण किया। ये भारत की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इसका निर्माण किया है। मिसाइल की टेस्टिंग ओडिशा के बालेश्वर में हुई और टेस्टिंग के दौरान इसे सुखोई-30 लड़ाकू विमान से छोड़ा गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर DRDO को इस सफलता के लिए बधाई दी है।
DRDO ने कहा- अलग-अलग दूरी तक मार कर सकती है मिसाइल
रूद्रम के सफल परीक्षण के बाद जारी किए गए अपने बयान में DRDO ने कहा, "रूद्रम भारतीय वायुसेना के लिए बनाई गई देश की पहली ऐसी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है जिसे DRDO ने विकसित किया है। इस मिसाइल को लॉन्च प्लेटफॉर्म के रूप में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान पर लगाया गया है" DRDO ने कहा कि लॉन्च की स्थिति के आधार पर ये मिसाइल अलग-अलग दूरी तक मार कर सकती है।
मिसाइल ने बिल्कुल सटीकता से साधा लक्ष्य पर निशाना- DRDO
अपने बयान में DRDO ने आगे कहा, "इसमें (रूद्रम) अंतिम हमले के लिए INS-GPS नेविगेशन के साथ-साथ पैसिव होमिंग हेड मौजूद है। 'रुद्रम' ने बिल्कुल सटीकता से रेडिएशन लक्ष्य पर निशाना साधा।" DRDO के अनुसार, पैसिव होमिंग हेड अलग-अलग फ्रेक्वेंसी पर लक्ष्यों की पहचान कर और उन्हें वर्गीकृत कर निशाना साध सकता है।
रक्षा मंत्री ने दी DRDO समेत सभी पक्षों को बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए DRDO और इससे संबंधित सभी पक्षों को बधाई दी है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'नई पीढ़ी की एंटी-रेडिएशन मिसाइल (रूद्रम-1), जो कि DRDO द्वारा भारतीय वायुसेना के लिए बनाई गई पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है, का आज बालेश्वर की इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में सफल परीक्षण किया गया। इस बड़ी उपलब्धि के लिए DRDO और अन्य हितधारकों को बधाई।'
दुश्मन के रडार और संचार व्यवस्था को नष्ट करने का काम करती हैं एंटी-रेडिएशन मिसाइलें
बता दें कि एंटी-रेडिएशन मिसाइलें दुश्मन के रेडियो सिग्नलों को पकड़ कर उनके रडार और संचार व्यवस्था को नष्ट करने का काम करती हैं। भारत की रुद्रम किसी भी तरह के सिग्नल और रेडिएशन को पकड़ कर दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम है। अभी विकास के चरण में चल रही इस मिसाइल को सुखोई विमान से लॉन्च किया जा सकता है और ट्रायल पूरा होने के बाद अन्य लड़ाकू विमानों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
बीते एक महीने में भारत ने किया है कई स्वदेशी मिसाइलों का परीक्षण
हालिया समय में भारत ने कई स्वदेशी मिसाइलों की टेस्टिंग की है। 3 अक्टूबर को बालेश्वर में ही सुपरसोनिक शौर्य मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था जो 700 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम है। इससे पहले 30 सितंबर को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस के क्रूज वर्जन का सफल परीक्षण किया गया था और इसकी रेंज को बढ़ाकर 400 किलोमीटर कर दिया गया है। 7 सितंबर को हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण किया गया था।