हरियाणा: मनोहर लाल खट्टर ने विधायक पद से भी इस्तीफा दिया, नए मुख्यमंत्री को सौंपी सीट
क्या है खबर?
भाजपा के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कल ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
खट्टर करनाल से विधायक थे और अब इस सीट से नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी उपचुनाव लड़ेंगे।
सैनी अभी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं। अटकलें हैं कि सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद खट्टर इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इसका मतलब दोनों की सीटों की अदल-बदल होगी।
बयान
आज से करनाल विधानसभा की देख-रेख नए मुख्यमंत्री करेंगे- खट्टर
हरियाणा विधानसभा में बोलते हुए खट्टर ने कहा, "मैं इस सदन के सामने घोषणा करता हूं कि मैं आज करनाल विधानसभा से त्यागपत्र देता हूं। आज से करनाल विधानसभा की देख-रेख हमारे नए नेता हमारे मुख्यमंत्री जी करेंगे।"
उन्होंने कहा कि विधायक के नाते करनाल में जो काम उन्हें करना था, उन्होंने किया है और हमारे नए मुख्यमंत्री को भी किसी क्षेत्र की सेवा करने का मौका मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संगठन उन्हें जो जिम्मेदारी देगा, वो उसे करेंगे।
चुनावी सफर
2 बार करनाल सीट से विधायक रहे हैं खट्टर
बता दें कि खट्टर 2 बार करनाल सीट से विधायक रहे हैं। वे पहली बार 2014 विधानसभा चुनाव में यहां से मैदान में उतरे थे और तब 'बाहरी' बताकर कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने ही उनका विरोध किया था।
हालांकि, मोदी लहर के कारण वे न केवल बड़े अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे, बल्कि मुख्यमंत्री भी बने।
इसके बाद 2019 विधानसभा चुनाव में भी करनाल सीट से मैदान में उतरे और जीतने में कामयाब रहे।
राजनीतिक सफर
प्रधानमंत्री मोदी के भरोसेमंद माना जाते हैं खट्टर
गौरतलब है कि खट्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भरोसेमंद माना जाता है और यही कारण है कि तमाम बाधाओं के बावजूद वह लगभग 9 साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री बने रहे।
उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से होना भी उनके पक्ष में जाता है। वे 1977 में RSS से जुड़े थे और 3 साल बाद पूर्णकालिक प्रचारक बन गए। प्रचारक होने के कारण उन्होंने शादी नहीं की।
वे 1994 में भाजपा में शामिल हुए।
इस्तीफा
खट्टर को क्यों मुख्यमत्री पद से हटाया गया?
खट्टर को मुख्यमंत्री पद से क्यों हटाया गया, इसके पीछे कई कारण माने जा रहे हैं।
एक कारण यह बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन और पहलवान आंदोलन के बाद राज्य में उनकी छवि खराब हुई है, जिसका भाजपा को चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ सकता था।
इसके अलावा सत्ता-विरोधी लहर से निपटने के लिए चुनाव से कुछ समय पहले मुख्यमंत्री बदलने की भाजपा की रणनीति को इसका एक अहम कारण माना जा रहा है।
नई सरकार
भाजपा और JJP का गठबंधन टूटने के बाद हुआ है नई सरकार का गठन
बता दें कि भाजपा और जननायक जनता दल (JJP) का गठबंधन टूटने के बाद हरियाणा में नई सरकार का गठन हुआ है। खट्टर भाजपा-JJP सरकार के ही मुख्यमंत्री थे और JJP प्रमुख दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री थे।
लोकसभा सीटों के बंटवारे के कारण ये गठबंधन टूटा है। JJP भाजपा से 2 सीटें मांग रही थी, लेकिन पार्टी राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर लड़ने की इच्छुक है।
इसी कारण उसने JJP को साफ मना कर दिया और गठबंधन टूट गया।