क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं रेजिडेंट डॉक्टर्स और अब तक क्या-क्या हुआ?
NEET-PG की काउंसलिंग में देरी के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने सोमवार को दिल्ली में एक बड़ा प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के आवास की तरफ मार्च करने की कोशिश की, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक दिया। डॉक्टर्स ने पुलिस पर क्रूर कार्रवाई का आरोप लगाया है और चिकित्सा सेवाओं को बंद करने की धमकी दी है। ये पूरा मामला क्या है और इसमें अब तक क्या-क्या हुआ, आइए जानते हैं।
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं रेजिडेंट डॉक्टर्स?
दरअसल, NEET-PG की परीक्षा होने के बावजूद पिछले लगभग एक साल से छात्रों की काउंसलिंग नहीं हुई है और उन्हें कॉलेज नहीं मिल पाया है। यही छात्र सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर्स का काम करते हैं और अन्य डॉक्टर्स पर काम के बोझ को कम करते हैं। सुप्रीम कोर्ट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) आरक्षण से संबंधित मामले पर सुनवाई के कारण काउंसलिंग में ये देरी हो रही है। इसमें आय की न्यूनतम सीमा तय की जानी है।
किसके नेतृत्व में हो रहा प्रदर्शन?
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के आह्वान पर देशभर में रेजिडेंट डॉक्टर्स काउंसलिंग में देरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उसने पहले 27 नवंबर से देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था, लेकिन सरकार के साथ वार्ता जारी रहने के कारण इसे 17 दिसंबर को शुरू किया गया। उसका कहना है कि जहां महामारी में ज्यादा डॉक्टर्स की जरूरत है, वहीं वे 66 प्रतिशत क्षमता के साथ काम कर रहे हैं और उन पर काम का बहुत बोझ है।
दिल्ली में सोमवार को क्या हुआ?
दिल्ली में सोमवार को लगभग 4,000 रेजिडेंट डॉक्टर्स ने प्रदर्शन किया। वे मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से सुप्रीम कोर्ट तक मार्च के लिए निकले थे, लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया। इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के आवास तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन यहां भी पुलिस ने उन्हें रोक लिया गया और कई डॉक्टर्स को हिरासत में ले लिया गया। अंत में डॉक्टर्स सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए।
महिला डॉक्टर्स का पुलिस पर बदसलूकी का आरोप
प्रदर्शन में शामिल रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स ने पुलिस पर उन्हें रोकने के लिए अत्यधिक बल और अपमानजक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। महिला डॉक्टर्स ने पुलिस पर उनके साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया है। झड़प में कुछ डॉक्टर घायल भी हुए।
संगठनों का बुधवार से चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह से बंद करने का ऐलान
डॉक्टर्स के खिलाफ इस कार्रवाई पर FORDA ने कड़ा बयान जारी किया है और इसे चिकित्सा समुदाय के लिए एक काला दिन करार दिया है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने बुधवार तक मांगें पूरी न होने पर देशभर के सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स से सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने को कहा है। AIIMS रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी कोई समाधान न निकलने पर बुधवार से अपनी सभी गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है।
तीन सरकारी अस्पतालों में प्रभावित हुईं सेवाएं
सोमवार को भी प्रदर्शन के कारण दिल्ली के कम से कम तीन सरकारी अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हुईं। इनमें सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल शामिल रहे। संगठनों ने कहा है कि अगर उनकी मांगों को जल्द से जल्द नहीं माना गया तो रेजिडेंट डॉक्टर्स सामूहिक तौर पर इस्तीफा दे देंगे। सोमवार को इसके सांकेतिक प्रतीक के तौर पर डॉक्टर्स ने अपने एप्रन (लैब कोट) उतार दिए।