
कौन है शातिर अपराधी विकास दुबे, जिसे पकड़ने गई पुलिस टीम पर हुआ हमला?
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के कानपुर में कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने पर गई पुलिस पर हमले में एक DSP समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है।
हाल ही में उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद उसे गिरफ्तार करने गए पुलिस की टीम पर घातक हमला हुआ।
विकास पिछले दो दशकों से कई संगीन अपराधों में शामिल रहा है और उस पर 25,000 रुपये का ईनाम भी है।
आइये, उसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
गैंगस्टर
कौन है विकास दुबे?
शातिर अपराधी विकास दुबे हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है।
बताया जा रहा है कि राजनीतिक रसूख के कारण वह आजतक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
विकास अपने किलेनुमा घर में रहता है, जहां उसकी मर्जी के बिना पहुंचना काफी मुश्किल है। वह घर बैठे-बैठे ही बड़ी वारदातों को अंजाम दिलवा देता है और जमीनों पर अवैध कब्जे लेने और कब्जे छुड़वाने में माहिर है।
उसके कई ईंट भट्ठे और कॉलेज चल रहे हैं।
अपराध
थाने में घुसकर की थी भाजपा नेता की हत्या
विकास दुबे 2001 में उस समय चर्चा में आया जब उसने थाने में घुसकर भाजपा के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोेष शुक्ल की हत्या कर दी थी।
उसके खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि थाने में हत्या होने के बावजूद किसी पुलिसवाले ने उसके खिलाफ गवाही नहीं दी। बाद में अदालत ने सबूत न होने के कारण उसे छोड़ दिया।
यह उसकी दबंगई ही थी कि कानून और पुलिस उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाए।
अपराध
हत्या के कई मामलों में शामिल रहा है विकास
इससे एक साल पहले यानी 2000 में शिवली थाना के अंतर्गत आने वाले ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या के मामले में उसका नाम आया था।
इसी साल उसके खिलाफ एक और हत्या की साजिश का आरोप लगा। बताया जाता है कि यह साजिश उसने जेल में बैठकर रची थी।
चार साल बाद यानी 2004 में एक केबल कारोबारी की हत्या में भी उसका नाम आया था। 2013 में वह एक और हत्या में शामिल रहा।
दबदबा
जेल में बैठे-बैठे चुनाव लड़ा और जीत हासिल की
NBT के मुताबिक, 2018 में विकास ने जेल में बैठे-बैठे अपने चचेरे भाई पर जानलेवा हमला करवाया था। पीड़ित की पत्नी की तरफ से दर्ज कराई गई FIR में विकास का नाम शामिल था।
वह जेल में रहते हुए नगर पंचायत का चुनाव लड़ा था और इसमें जीत भी हासिल की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान कई इलाकों में उसका काफी दबदबा रहता था।
हमला
अपराधियों ने रोके हुए थे गांव के रास्ते
कानपुर के पुलिस प्रमुख दिनेश कुमार ने बताया कि गुरुवार रात टीम अपराधी विकास को गिरफ्तार करने के इरादे से गई थी, लेकिन घात लगाकर बैठे अपराधियों ने योजनाबद्ध तरीके से उन पर तीन तरफ से फायरिंग शुरू कर दी।
इस हमले में CO समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। बदमाश पुलिस के हथियार भी लूट ले गए।
हमले के बाद से पुलिस अभी तक उसके तीन साथियों को ढेर कर चुकी है।
कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी ने मांगी रिपोर्ट
शहीद होेने वाले पुलिसकर्मियों में CO बिल्हौर देवेंद्र मिश्र, स्टेशन ऑफिसर महेश चंद्र यादव, SI अनूप कुमार सिंह, SI बाबूलाल, SHO महेश चंद्र यादव, कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह, कॉन्स्टेबल राहुल, कॉन्स्टेबल जितेंद्र और कॉन्स्टेबल बबलू शामिल हैं।
बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत सात पुलिसकर्मी हमले में घायल हुए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरी घटना पर रिपोर्ट तलब की है और इस त्रासदी को अंजाम देने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।