भारत में कोरोना महामारी की एक और विनाशकारी लहर पर विशेषज्ञों की क्या है राय?
भारत में अब कोरोना महामारी की दूसरी लहर उतार पर है तथा प्रतिदिन संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है। हालांकि, कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ त्योहारी सीजन के बाद तीसरी लहर के आने की आशंका जता रहे हैं। इसको लेकर सरकार भी ऐहतियाती कदम उठा रही है। इसी बीच कई विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के इम्यूनिटी से बच निकलने वाले वेरिएंट के बिना भारत में दूसरी लरह की तरह अन्य विनाशकारी लरह आने की संभावना नहीं है।
भारत में क्या है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति?
भारत में शुक्रवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 16,326 नए मामले सामने आए और 666 मरीजों की मौत हुई है। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,41,59,562 हो गई है। इनमें से 4,53,708 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 1,73,728 रह गई है। सरकार ने चेतावनी जारी की है कि कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए लोगों को दिसंबर तक विशेष सावधानी बरतनी होगी।
स्थानिकता के चरण में नहीं पहुंची है महामारी- डॉ जमील
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और भारत के प्रमुख वायरोलॉजिस्ट में से एक डॉ शाहिद जमील ने कहा, "देश में वैक्सीनेशन की दर में सुधार हुआ है, लेकिन इसे और बेहतर करने की जरूरत है। एक अरब खुराकों तक पहुंचना सराहनीय है।" उन्होंने कहा, "मुझे यकीन नहीं है कि महामारी अभी स्थानिक चरण में नहीं पहुंची है। अभी भी कुछ दूरी तय करनी है। हम स्थानिकता की ओर जा रहे हैं, लेकिन पहुंचे नहीं हैं।"
"भारत की स्थिति में लगातार हो रहा है सुधार"
डॉ जमील ने कहा, "भारत में दैनिक संक्रमण की स्थिति में तीन महीनों से सुधार हो रहा है। तीन महीने पहले प्रतिदिन 40,000 मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब यह संख्या 15,000 पर आ गई है। मृत्यु दर 1.2 प्रतिशत पर बनी हुई है।"
घटते मामलों का मतलब स्थानिकता में पहुंचना नहीं- बनजी
भारत के कोरोना संक्रमण के ग्राफ की बारीकी से निगरानी करने वाले ब्रिटेन की मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी में गणित के वरिष्ठ प्रोफेसर मुराद बनजी ने कहा, "कुछ समय के लिए मामलों की कम संख्या का मतलब स्थानिकता के चरण में पहुंचना नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "यह संभव है कि देश के कुछ हिस्सों में महामारी स्थानिकता के चरण के करीब पहुंच गई हो, लेकिन इसकी पुष्टि करने के लिए आवश्यक डेटा आसानी से उपलब्ध नहीं है।"
महामारी के खतरें की स्पष्टता के लिए करना होगा इंतजार- लक्ष्मीनारायण
वाशिंगटन में सेंटर फॉर डिजीज डायनेमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी के निदेशक और महामारी विज्ञानी रामानन लक्ष्मीनारायण ने कहा, "कोई महामारी स्थानिकता के चरण में पहुंचने के बाद भी फिर से विकराल रूप धारण कर सकती है। यूनाइटेड किंगडम (UK) में ऐसा ही देखा गया है।" उन्होंने आगे कहा, "यह निर्धारित करने से पहले कि क्या कोरोना वायरस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा है, हमें एक-दो महीने तक और इंतजार करना चाहिए।"
भारत में विनाशकारी लहर आने की संभावना नहीं- विशेषज्ञ
तीनों विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि भारत में अभी भी संक्रमणों में स्थानीय उछाल देखने को मिल सकता है, लेकिन यह महामारी की दूसरी लहर जितना खतरनाक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जब तक देश में इम्यूनिटी से बचने वाले कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का प्रवेश नहीं होता है तब तक एक और विनाशकारी लहर के आने की संभावना नहीं है। हालांकि, इस तरह का कोई वेरिएंट सामने आता है तो चुनौती पैदा हो सकती है।