#NewsBytesExplainer: वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग, ये क्या होती है?
केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 400 से ज्यादा हो गई है। 150 से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश में बचाव कार्य अभी भी जारी है। इस बीच वायनाड के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने केंद्र से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। आइए जानते हैं कि राष्ट्रीय आपदा क्या होती है।
क्या होती है आपदा?
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुसार, आपदा किसी भी क्षेत्र में प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों या दुर्घटना या लापरवाही से उत्पन्न होने वाली तबाही, विपत्ति या गंभीर घटना है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन या मानव पीड़ा या संपत्ति या पर्यावरण को नुकसान होता है। इसकी प्रकृति ऐसी होती है कि प्रभावित क्षेत्र का समुदाय इससे निपट नहीं सकता। प्राकृतिक आपदा में भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, सुनामी और हीटवेव शामिल हैं, जबकि मानव निर्मित आपदा परमाणु, जैविक और रासायनिक हो सकती है।
क्या होती है राष्ट्रीय आपदा?
किसी भी आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के बारे में कोई सरकारी या कानूनी प्रावधान नहीं है। 10वें वित्त आयोग ने पाया था कि एक आपदा को 'असाधारण प्रचंडता की राष्ट्रीय' आपदा तब कहा जाता है, जब यह राज्य की एक-तिहाई आबादी को प्रभावित करती है। हालांकि, आयोग ने ये तय नहीं किया कि 'असाधारण प्रचंडता की राष्ट्रीय आपदा' किसे कहा जाएगा। आयोग ने कहा कि ये अलग-अलग मामलों के हिसाब से तय किया जा सकता है।
राष्ट्रीय आपदा के बारे में सरकार का क्या कहना है?
2018 में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) या राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की मौजूदा गाइडलाइन ये नहीं बताती है कि किस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन पर राष्ट्रीय समिति के लिये राष्ट्रीय आपदा को परिभाषित करने वाले मानकों को देखना अनिवार्य किया गया था। हालांकि, समिति ने कोई मानदंड निश्चित नहीं किए थे।
राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर होता क्या है?
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति के मुताबिक, राज्य सरकार को SDRF से राहत मुहैया कराई जाती है। अगर गंभीर प्राकृतिक आपदा होती है तो NDRF की मदद दी जाती है। अगर किसी आपदा को 'असाधारण प्रचंडता की राष्ट्रीय आपदा' घोषित किया जाता है तो राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग मिलता है। एक आपदा राहत कोष (CRF) बनाया जाता है, इसमें जमा रकम को केंद्र और राज्य के बीच 3:1 के अनुपात में साझा किया जाता है।
कैसे होता है राशि का बंटवारा?
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नीति, 2009 के अनुसार, गंभीर प्रकृति की आपदाओं के लिए नुकसान और राहत सहायता के आकलन के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों का गठन किया जाता है। केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी समूह मूल्यांकन करता है और NDRF या राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक निधि (NCCF) से सहायता की राशि के लिए सिफारिश करता है। इसके आधार पर वित्त मंत्री, गृह मंत्री, कृषि मंत्री और योजना आयोग के उपाध्यक्ष वाली समिति केंद्रीय सहायता को मंजूरी देते हैं।
वायनाड में भूस्खलन से कितनी तबाही हुई?
वायनाड में विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 413 पहुंच गई है। 152 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। यहां भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना के अलावा अन्य विभागों की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी है। लगातार बारिश के चलते 29 जुलाई की रात 1 से 4 बजे के बीच चूरालमाला और मुंडाक्कई जैसे इलाकों में 3 बार भूस्खलन होने से सैकड़ों लोग और घर बह गए थे।