केरल: वायनाड भूस्खलन में लोगों ने खोया अपना पूरा परिवार, शव भी नहीं मिल रहे
केरल के वायनाड में आए विनाशकारी भूस्खलन ने काफी नुकसान किया है। लोगों ने संपत्ति तो खोई ही, साथ ही उनका हंसता-परिवार परिवार भी बह गया। इस भूस्खलन में चूरलमाला निवासी 42 वर्षीय मंसूर ने तो अपने परिवार के 16 सदस्यों को खो दिया है। परिवार में उनकी मां, पत्नी, 2 बच्चे, बहन और भाभी के परिवार के 11 लोग थे। मंसूर प्रलय के दिन बाहर होने की वजह से बच गए।
अभी तक मिले सिर्फ 4 शव
मंसूर ने बताया कि उनको अभी तक केवल अपनी पत्नी, बेटा, बहन और मां का शव मिला है। उनकी बेटी समेत अन्य 12 लोगों के शव नहीं मिले है। मंसूर ने कहा कि उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया है। तिरुवनन्तपुरम में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे 18 वर्षीय अभिजीत कलिंगन भी हादसे के बाद से गुमसुम हैं। उन्होंने आपदा में अपने माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी, चाचा-चाची को खोया है। अभिजीत तिरुवनन्तपुरम में होने के कारण बच गए।
मोबाइल से हटा रहे तस्वीरें
अभिजीत जिनका कभी वायनाड की खूबसूरती को अपने मोबाइल के कैमरे में संजोने से दिल नहीं भरता था, वह आज उन तस्वीरों को हटा रहे हैं। इंडिया टुडे के अनुसार, मेप्पाडी के सरकारी स्कूल स्थित एक शिविर में वह गुमसुम बैठे तस्वीरों को एकटक देख रहे हैं और हटा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 4 अन्य लोग जो बारिश की वजह से बचने के लिए उनके घर आकर रुके थे, वह भी भूस्खलन की चपेट में आ गए।
अब तक 340 से अधिक की मौत
वायनाड त्रासदी में अब तक 345 से अधिक की मौत हो चुकी है, जिसमें 146 की पहचान हुई है और 134 के शरीर के अंग मिले हैं। यहां भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना के अलावा अन्य विभागों की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी है।