बाबा सिद्दीकी की हत्या की योजना कहां बनाई गई थी और इसे कैसे अंजाम दिया?
मुंबई में शनिवार (12 अक्टूबर) रात अजीत पवार गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता और राज्य के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद रविवार शाम को उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। उनकी अंतिम विदाई में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, राजनेता, बॉलीवुड सितारे सहित हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। इधर, मुंबई पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इस बीच आइए जानते हैं कि सिद्दीकी की हत्या की योजना कब और कहां बनी थी।
कैसे की गई सिद्दीकी की हत्या?
मुंबई पुलिस के अनुसार, सिद्दीकी रात को अपने निर्मल नगर इलाके में स्थित कार्यालय से बेटे जीशान के कार्यालय के लिए रवाना हो रहे थे। उनके कार में बैठने के साथ ही आस-पास पटाखे फटने का शोर होने लग गया। इस दौरान 3 हमलावरों ने उन पर 6 राउंड गोलियां चला दी। पुलिस ने बताया कि हमले में सिद्दीकी के पेट और सीने में गोली लगी थी। उसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
पुलिस ने 2 आरोपियों को दबोचा और 2 अन्य की पहचान की
इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें हरियाणा निवासी करनैल सिंह और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज कश्यप शामिल है। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ कर वारदात में शामिल 2 आरोपियों को भी पता लगा लिया, जिनमें उत्तर प्रदेश निवासी शिव कुमार और मोहम्मद जीशान अख्तर शामिल है। वारदात के समय शिव मौके पर मौजूद था और जीशान उन्हें सिद्दकी की लाइव लोकेशन उपलब्ध करा रहा था।
फरार आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस की 15 टीमें
पुलिस की 15 टीम फरार शिव कुमार और जीशान की तलाश में जुटी हैं। इन टीमों को हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब रवाना किया गया है। इसके अलावा तीनों राज्यों की पुलिस आरोपियों की आपराधिक रिकॉर्ड और उनके सहयोगियों की भी जानकारी मांगी है।
कैसे बनाई गई थी सिद्दीकी की हत्या की योजना?
अपराध शाखा के अनुसार, सिद्दीकी की हत्या की योजना महीनों पहले पंजाब की पटियाला जेल में ही तैयार कर ली गई थी। दरअसल, साल 2022 में जीशान को जालंधर में ग्रामीण पुलिस ने संगठित अपराध, हत्या और डकैती के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके बाद उसे पटियाला जेल भेजा गया था, जहां वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों के संपर्क में आया था। गैंग के सदस्यों ने ही इसी साल की शुरुआत सिद्दीकी की हत्या का ठेका दिया था।
जीशान ने कैसे की सिद्दकी की हत्या की तैयारी?
पुलिस के अनुसार, जीशान इसी साल जून में जेल से रिहा हुआ था। इसके बाद उसने गुरमेल, धर्मराज और शिव कुमार से संपर्क कर 3 लाख रुपये में सिद्दीकी की हत्या का सौदा कर लिया। उसने तीनों को मुंबई में रहकर सिद्दकी की गतिविधियों पर नजर रखने और वारदात को अंजाम देने के लिए बेहतर मौके की योजना बनाने को कहा था। उसने तीनों को किराए का कमरा लेने और खर्चे के नाम पर 50,000 रुपये एडवांस भी दिए थे।
जीशान ने ही तीनों को मुहैया कराए थे हथियार
पुलिस के अनुसार, सिद्दकी की हत्या की योजना बनने के बाद गुरमेल, धर्मराज और शिव ने मुंबई के कुर्ला इलाके में जीशान के नाम पर 14,000 रुपये महीने किराए पर कमरा लिया था। इसके बाद तीनों सिद्दकी की रेकी कर रहे थे और इसके लिए जीशान उन्हें सिद्दकी के मोबाइल फोन की लोकेशन मुहैया करा रहा था। पुलिस ने बताया कि हमले की योजना पूरी होने पर जीशान ने ही तीनों को प्रीपेड कुरियर से हथियार उपलब्ध कराए थे।
आरोपियों ने कैसे दिया वारदात को अंजाम?
पुलिस ने बताया कि गुरमेल, धर्मराज और शिव ऑटो रिक्शा में सवार होकर निर्मल नगर इलाके में सिद्दकी के कार्यालय के बाहर उनका इंतजार कर रहे थे। वह अपने साथ मिर्च स्प्रे भी लेकर गए थे। उनकी सिद्दकी पर स्प्रे छिड़ककर गोली मारने की योजना था। हालांकि, बाद में उन्होंने योजना बदल दी और सिद्दकी के आने पर पहले फॉग स्प्रे किया और फिर चारों तरह धुंआ फैलने पर 6 गोलियां दाग दी। इसमें सिद्दकी को 4 गोली लगी थी।
कौन थे NCP नेता सिद्दीकी?
सिद्दीकी मुंबई में अल्पसंख्यक वर्ग के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते थे। लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद उन्होंने अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP का दामन थाम लिया था। सिद्दीकी बांद्रा पश्चिम सीट से 1999, 2004 और 2009 में 3 बार विधायक रह थे। वह साल 2004 और 2008 के बीच राज्य की कांग्रेस सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम और FDA राज्य मंत्री भी रहे थे।
सिद्दीकी का बॉलीवुड से भी था गहरा नाता
सिद्दीकी का राजनीति के साथ बॉलीवुड से भी गहरा नाता था। उन्हें अक्सर सलमान खान, संजय दत्त और शाहरुख खान सहित बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों के साथ घुलते-मिलते देखा जाता था। ईद के दौरान उनकी इफ्तार पार्टियां भी खूब चर्चाओं में रहती थीं।