जम्मू-कश्मीर: सरकारी भर्ती परीक्षाओं पर लगाई गई रोक, ब्लैकलिस्टेड कंपनी को दिया गया था ठेका
क्या है खबर?
केंद्रीय शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विभिन्न सरकारी पदों पर भर्ती के लिए होने वाली ऑनलाइन परीक्षाओं पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर सरकार ने इन भर्ती परीक्षाओं को करवाने का ठेका पहले ही ब्लैकलिस्ट हो चुकी एक कंपनी को दिया था, जिसके खिलाफ अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे थे।
गौरतलब है कि राज्य में पिछले साल भी भर्तियों में कई घोटाले सामने आए थे, जिनकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (JKSSB) द्वारा ऑनलाइन भर्ती परीक्षाएं आयोजित करने के लिए मुंबई की एप्टेक लिमिटेड को ठेका दिया गया था।
हालांकि, लगातार अनियमितताओं के कारण एप्टेक लिमिटेड को कई राज्यों की सरकारें ब्लैकलिस्ट कर चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद इस कंपनी को दोबारा ठेका दिया गया ।
इस फैसले के खिलाफ अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर अभियान चलाने के साथ-साथ विरोध-प्रदर्शन शुरू किया था।
जानकारी
आज से शुरू होनी थीं भर्ती परीक्षाएं
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बुधवार से भर्ती परीक्षाएं शुरू होनी थीं। JKSSB ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर बताया, '16 मार्च से 5 अप्रैल तक विभिन्न पदों के लिए निर्धारित कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं को अगली सूचना तक स्थगित किया जाता है।'
बचाव
भर्तियों को रोकने की हो रही कोशिश- उपराज्यपाल सिन्हा
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने एप्टेक लिमिटेड को ठेका दिए जाने के फैसले को सही ठहराया था। उन्होंने सोमवार को कहा था कि भर्तियों को रोकने के लिए जानबूझकर प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को आतंकवादियों और उनके रिश्तेदारों को नौकरी देने वाले नेताओं द्वारा गुमराह नहीं होना चाहिए और भर्तियों में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी।
निशाना
महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर साधा था निशाना
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी एप्टेक लिमिटेड को ठेका दिए जाने पर सरकार पर निशाना साधा था।
उन्होंने ट्वीट किया, 'फर्जी ब्लैकलिस्टेड कंपनी को जारी रखने का JKSSB का फैसला बताता है कि जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार कितना गहरा है। इसके लिए जिम्मेदार सरकारी बाबू जम्मू-कश्मीर के युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने की कीमत पर अपने पदों का आनंद ले रहे हैं। भ्रष्टाचार मुक्त जम्मू-कश्मीर के लिए कितना कुछ किया जा रहा है।'
जानकारी
प्रदर्शन में फारूक अब्दुल्ला भी हुए थे शमिल
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला भी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन में शमिल हुए थे। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने घाटी के युवाओं को 50,000 नौकरियां देने का वादा किया था और सरकार ऐसा करने में नाकाम रही है।
परीक्षा
पिछले साल सामने आए थे कई घोटाले
बता दें कि पिछले साल घोटाले सामने आने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब-इंस्पेक्टर (SI) समेत तीन अन्य विभागों की भर्तियों को रद्द कर दिया गया था। CBI इन सभी घोटालों की जांच कर रही है और कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने भी पिछले साल दिसंबर में भर्तियों में हो रही गड़बड़ियों पर सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने एप्टेक लिमिटेड को दोबारा ठेका दिए जाने पर भी नाराजगी जताई थी।