भारत में 200 हुई ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या, महाराष्ट्र और दिल्ली में सबसे अधिक
क्या है खबर?
दुनिया में कोरोना वायरस के खतरनाक माने जा रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामलों में लगातार इजाफा होता जा रहा है। इसने सरकारों और चिकित्सा विशेषज्ञों की चिंता को बढ़ा दिया है।
भारत में भी इसके मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं।
देश में मंगलवार को इसके संक्रमितों की कुल संख्या 200 पर पहुंच गई है। हालांकि, अब तक 77 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।
खतरनाक
क्यों खतरनाक माना जा रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाए गए ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इसके वैक्सीनों को चकमा देने की आशंका भी लगाई जा रही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और उसके बाद देशों ने प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया।
सबसे ज्यादा
महाराष्ट्र और दिल्ली में सामने आए सबसे अधिक मामले
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, भारत में अब तक सामने आए ओमिक्रॉन के 200 मामलों में से महाराष्ट्र और दिल्ली में सबसे अधिक 54-54 मामले सामने आए हैं।
इसी तरह तेलंगाना में 20, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 18, केरल में 15, गुजरात में 14, उत्तर प्रदेश में दो, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में एक-एक मामला सामने आया है।
हालांकि, सभी मामलों में किसी भी गंभीर लक्षण सामने नहीं आए और उनकी नियमित निगरानी की जा रही है।
निगेटिव
77 ओमिक्रॉन संक्रमितों की रिपोर्ट आ चुकी है निगेटिव
देश में 200 ओमिक्रॉन संक्रमितों में से अधिक 77 लोग उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं और उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 28 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
इसी तरह राजस्थान में सभी 18, कर्नाटक में 15, दिल्ली में 12, उत्तर प्रदेश में दो, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एक-एक संक्रमित की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
अन्य राज्यों में उपचाराधीन संक्रमितों को पूरी तरह से आइसोलेट कर रखा है।
तैयारी
महामारी से निपटने के लिए सरकार ने की विशेष तैयारी
बता दें कि महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने विशेष तैयारी की है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ने सोमवार को राज्यसभा में कहा था कि सरकार ओमिक्रॉन से नए प्रकोप से निपटने के लिए तैयार है। इसके लिए वैक्सीन निर्माण की क्षमता को अगले महीने से 45 करोड़ खुराक प्रति माह कर दिया जाएगा।
इसी तरह ऑक्सीजन के बफर स्टॉक की व्यवस्था की गई और राज्यों को 48,000 नए वेंटीलेटर वितरित किए गए हैं।
रिपोर्ट
एक सप्ताह में आएगी वैक्सीन के प्रभाव की रिपोर्ट
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कहा था कि ओमिक्रॉन पर देश में उपलब्ध वैक्सीन कितनी प्रभावी है इस पर अध्ययन किया जा रहा है और अगले सप्ताह में इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद ही वैक्सीन में सुधार की जरूरत के बारे में पता चल सकेगा।
उन्होंने कहा था कि देश में अब तक कुल 88 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है और 58 प्रतिशत लोगों का वैक्सीन की दोनों खुराकें लगाई जा चुकी है।
पृष्ठभूमि
ओमिक्रॉन के डेल्टा से अधिक संक्रामक होने की बात कह चुका है WHO
WHO ने 13 दिसंबर को ओमिक्रॉन पर बयान जारी किया था कि डेल्टा वेरिएंट के कम प्रसार वाले दक्षिण अफ्रीका और डेल्टा के ज्यादा प्रसार वाले ब्रिटेन में ओमिक्रॉन तेजी से फैला है। ऐसे में यह वेरिएंट संक्रमण के प्रसार के मामले में जल्द ही डेल्टा को पीछे छोड़ देगा।
इसके अलावा WHO ने चेतावनी देते हुए कहा था कि ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीनों की प्रभावशीलता भी कम हो सकती है। ऐसे में यह बड़ी चुनौती होगी।