
वक्फ कानून: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए दिए 7 दिन
क्या है खबर?
वक्फ कानून से जुड़ी दर्जनों याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन सुनवाई हुई।
इस दौरान सरकार ने कहा कि प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय चाहती है। इस पर कोर्ट ने सरकार को राहत देते हुए 7 दिन के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।
इस दौरान वक्फ संपत्तियों में कोई बदलाव नहीं होगा और सरकार बोर्ड में नई नियुक्तियां भी नहीं करेगी।
आदेश
कोर्ट ने पारित किया ये अंतरिम आदेश
कोर्ट ने कहा, "अगले आदेश तक संशोधित कानून के तहत नई नियुक्ति नहीं होगी। वक्फ बाय यूजर नोटिफिकेशन या वक्फ की घोषित हो चुकी संपत्ति को रद्द नहीं किया जाएगा। सुनवाई के दौरान SG तुषार मेहता ने कहा कि प्रतिवादी 7 दिनों के भीतर एक संक्षिप्त जवाब दाखिल करना चाहते हैं और आश्वासन दिया कि अगली तारीख तक अधिनियम के तहत बोर्ड और परिषदों में कोई नियुक्ति नहीं होगी।"
आपत्तियां
कोर्ट ने कहा- 5 मुख्य आपत्तियों पर ही होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "110 से 120 फाइलें पढ़ना संभव नहीं हैं। ऐसे में 5 बिंदु तय करने होंगे। सिर्फ 5 मुख्य आपत्तियों पर ही सुनवाई होगी। नोडल काउंसिल के जरिए इन आपत्तियों को तय कीजिए।"
CJI संजीव खन्ना ने कहा, "याचिकाकर्ता के वकीलों ने इस बात पर सहमति जताई है कि वे 5 याचिकाओं को मुख्य याचिका के रूप में पहचानेंगे और अन्य को आवेदन के रूप में माना जाएगा।"
पिछली सुनवाई
कल सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ था?
सुनवाई के शुरुआत में कपिल सिब्बल ने अनुच्छेद 26 का हवाला देते हुए कहा कि वक्फ कानून मुस्लिम उत्तराधिकार का उल्लंघन है और धार्मिक मामलों में दखल है।
कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 26 धर्मनिरपेक्ष है और सभी समुदायों पर लागू होता है।
कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति देने को तैयार है।
कोर्ट ने कानून में 'वक्फ बाई यूजर' का प्रावधान हटाने पर भी चिंता जताई।
प्रावधान
क्या है कानून के बड़े प्रावधान?
वक्फ बोर्ड में अब 2 महिला और 2 गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल होंगे।
सरकार वक्फ संपत्तियों के सर्वे के लिए कलेक्टर को नियुक्त करेगी। पहले ये काम सर्वे कमिश्नर किया करते थे।
अभी तक वक्फ ट्रिब्यूनल को फैसले को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती थी। अब फैसले को चुनौती दी जा सकेगी।
कम से कम 5 साल से इस्लाम का पालन कर रहे मुसलमान ही संपत्ति दान कर सकेंगे।