
मणिपुर के चुराचांदपुर में फिर भड़की हिंसा; एक की मौत, कई घायल
क्या है खबर?
मणिपुर में फिर हिंसा भड़क गई है। वहां के चुराचांदपुर जिले में बीती रात हमार और जोमी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई और कई लोग घायल हो गए हैं।
इलाके में पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुई हैं।
हिंसा के बाद आज संगठनों ने अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया गया है। बता दें कि इस इलाकों में 17 मार्च से ही कर्फ्यू लगा हुआ है।
हिंसा
कैसे भड़की हिंसा?
कल यानी 18 मार्च को हमार और जोमी समुदायों से जुड़े संगठन शांति समझौते के लिए एकत्रित हुए थे। इसके कुछ ही घंटों बाद हमार समुदाय के लोगों ने जोमी उग्रवादी संगठन का झंडा उतारने की कोशिश की।
इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से पत्थरबाजी और लाठी-डंडों से हमला शुरू हो गया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। एक अधिकारी ने बताया कि इस दौरान गोली भी चली।
कर्फ्यू
चुराचांदपुर में 3 दिन में दूसरी बार भड़की हिंसा
इससे पहले 16 मार्च की रात चुराचांदपुर में हमार जनजाति के नेता रिचर्ड हमार पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया था।
बताया जा रहा है कि रिचर्ड का वाहन एक वाहन से टकराते हुए बचा था। इसके बाद रिचर्ड युवकों से बहस हुई और उन्होंने रिचर्ड पर हमला कर दिया।
इसके विरोध में 17 मार्च को हमार लोगों ने बंद बुलाया था। इस दौरान सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी हुई और स्थिति बिगड़ने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया।
जज
सुप्रीम कोर्ट के 6 जज करेंगे मणिपुर का दौरा
22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के 6 जज मणिपुर का दौरा करेंगे और शरणार्थी शिविरों में हिंसा प्रभावितों से मुलाकात करेंगे।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने ये जानकारी दी है।
जजों के प्रतिनिधिमंडल में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंद्रेश, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह शामिल हैं।
NALSA ने बताया कि जज राज्य भर में विधिक और चिकित्सा शिविरों का उद्घाटन करेंगे और विस्थापित लोगों को राहत सामग्री वितरित करेंगे।
आवाजाही
9 मार्च को हिंसा में घायल हुए थे 40 लोग
गृह मंत्री अमित शाह ने एक मार्च को मणिपुर पर समीक्षा बैठक की थी। इसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि 8 मार्च से राज्य में मुक्त आवाजाही सुनिश्चित की जाए।
8 मार्च को कुकी समुदाय ने सड़कों पर पत्थर और टायर बिछाकर कई वाहनों में आग लगा दी थी। इस दौरान सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज भी किया था।
अगले दिन यानी 9 मार्च को सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 40 लोग घायल हो गए थे।