ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आगे कैसे होगी सुनवाई? वाराणसी की जिला कोर्ट कल सुनाएगी फैसला
वाराणसी की जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित मामले की सुनवाई को कल तक के लिए टाल दिया है। कोर्ट कल दोपहर 2 बजे मामले पर सुनवाई करेगी और इस बात पर फैसला सुनाएगी कि मामले की आगे कैसे सुनवाई करनी है। कोर्ट फिलहाल तीन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इनमें से दो याचिकाएं हिंदू पक्ष की हैं, वहीं एक याचिका मुस्लिम पक्ष की है। आज भी इस बात पर बहस की गई कि मामला आगे कैसे बढ़े।
दोनों पक्षों ने क्या दलीलें दीं?
आज सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने कोर्ट से अनुरोध किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियो सर्वे की रिपोर्ट पर प्राथमिकता से सुनवाई की जाए। इसके विपरीत मुस्लिम पक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ऑर्डर 6, नियम 11 के तहत रखरखाव के आवदेन पर पहले विचार होना चाहिए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आज जज ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और अब वह कल अपना फैसला सुनाएंगे।
हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने अपनी-अपनी याचिकाओं में क्या मांग की है?
हिंदू पक्ष ने अपनी याचिकाओं में मस्जिद परिसर में मौजूद मां शृंगार गौरी की पूजा करने की इजाजत मांगी है। उन्होंने मस्जिद के वजूखाने में मिले 'शिवलिंग' की पूजा करने की इजाजत भी मांगी है। इसके अलावा शिवलिंग की लंबाई और चौड़ाई पता करने के लिए एक अलग सर्वे का अनुरोध भी किया गया है। वहीं मुस्लिम पक्ष ने वजूखाने को सील न करने और सर्वे को उपासना स्थल अधिनियम, 1991 के नजरिये से देखने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुनवाई कर रही है जिला कोर्ट
बता दें कि वाराणसी की जिला कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले पर सुनवाई कर रही है। 20 मई को सुनाए गए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था और मस्जिद से संबंधित सभी मामलों को सिविल कोर्ट से जिला कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिला जज को 25 साल का अनुभव है और वो मामले पर सुनवाई करने के काबिल हैं।
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा मामला?
दिल्ली की पांच महिलाओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए वाराणसी की सिविल कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का वीडियो सर्वे करने का आदेश दिया गया था। 16 मई को ये सर्वे पूरा हुआ और इसमें मस्जिद में स्थित तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा इसमें शेषनाग की आकृति, हिंदू देवी-देवताओं की आकृतियां, त्रिशूल, डमरू और कमल के अवशेष मिलने का दावा भी किया गया है।
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर का सदियों पुराना विवाद?
हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद को मुगल शहंशाह औरंगजेब के निर्देश पर बनाया गया था और इसके लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को तोड़ा गया था। उनका कहना है कि मस्जिद मंदिर की जमीन पर बनी हुई है। दूसरी तरह मस्जिद समिति का कहना है कि मंदिर का मस्जिद से कोई संबंध नहीं है और ये अलग जमीन पर बनी हुई है। पिछले तीन दशक में ये विवाद कई बार सुर्खियों में रह चुका है।