ज्ञानवापी मस्जिद केस: जिला कोर्ट में पहले दिन मुस्लिम पक्ष ने रखीं दलीलें, जानें क्या-क्या कहा
वाराणसी की जिला कोर्ट ने आज ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में अपनी सुनवाई शुरू की। कोर्ट सबसे पहले मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई कर रही है, इसलिए आज मस्जिद समिति ने प्रमुखता से अपनी दलीलें रखीं। समिति ने सुनवाई के दौरान कहा कि मस्जिद में शिवलिंग पाए जाने की अफवाह फैलाई जा रही है और इससे अशांति फैल रही है। मामले पर आज की सुनवाई खत्म हो गई है और अब अगली सुनवाई 30 मई को होगी।
मुस्लिम पक्ष ने क्या-क्या कहा?
आज जिला कोर्ट के सामने अपनी दलीलें रखते हुए मस्जिद समिति ने कहा कि मस्जिद में शिवलिंग मिलने का दावा अभी तथाकथित है और यह साबित नहीं हुआ है। समिति ने कहा, "अफवाहों के कारण जनता में अशांति फैल रही है, जिसकी (शिवलिंग की) मौजूदगी साबित होने तक इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।" उपासना स्थल अधिनियम, 1991 का हवाला देते हुए समिति ने कहा कि हिंदू पक्ष को मस्जिद पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं है।
मस्जिद समिति ने अपनी याचिका में क्या कहा है?
मस्जिद समिति की जिस याचिका पर जिला कोर्ट सबसे पहले सुनवाई कर रही है, उसमें इस पूरे केस को जन्म देने वाली दिल्ली की पांच महिलाओं की याचिका को ही चुनौती दी गई है। समिति का कहना है कि मस्जिद में पूजा की इजाजत और इसके वीडियो सर्वे की इजाजत मांगने वाली पर इस याचिका पर कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकती क्योंकि ये उपासना स्थल अधिनियम, 1991 का उल्लंघन करती है।
उपासना स्थल अधियनिम में क्या है?
उपासना स्थल अधिनियम में 15 अगस्त, 1947 के बाद किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक स्वरूप को बदलने और कोर्ट के इससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करने पर प्रतिबंध लगाया गया है, यानि सिविल कोर्ट का हिंदू महिलाओं की याचिका पर सुनवाई करना गलत था।
हिंदू पक्ष ने भी जिला कोर्ट में डाली हैं दो याचिकाएं
हिंदू पक्ष ने भी वाराणसी की जिला कोर्ट के सामने दो याचिकाएं पेश की हैं। इन याचिकाओं में उन्होंने मस्जिद परिसर में मौजूद मां शृंगार गौरी की पूजा करने की इजाजत मांगी है। उन्होंने मस्जिद के वजूखाने में मिले 'शिवलिंग' की पूजा करने की इजाजत भी मांगी है। इसके अलावा शिवलिंग की लंबाई और चौड़ाई पता करने के लिए एक अलग सर्वे का अनुरोध भी किया गया है। इन याचिकाओं पर मुस्लिम पक्ष की याचिका के बाद सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुनवाई कर रही है जिला कोर्ट
बता दें कि वाराणसी की जिला कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले पर सुनवाई कर रही है। 20 मई को सुनाए गए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था और मस्जिद से संबंधित सभी मामलों को सिविल कोर्ट से जिला कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिला जज को 25 साल का अनुभव है और वो मामले पर सुनवाई करने के काबिल हैं।
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा मामला?
दिल्ली की पांच महिलाओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए वाराणसी की सिविल कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का वीडियो सर्वे करने का आदेश दिया गया था। 16 मई को ये सर्वे पूरा हुआ और इसमें मस्जिद में स्थित तालाब में शिवलिंग मिलने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा इसमें शेषनाग की आकृति, हिंदू देवी-देवताओं की आकृतियां, त्रिशूल, डमरू और कमल के अवशेष मिलने का दावा भी किया गया है।