फरीदाबाद: अस्पताल में सीवर की सफाई करते समय दम घुटने से 4 सफाईकर्मियों की मौत
हरियाणा के फरीदाबाद में सेक्टर-16 स्थित क्यूआरजी अस्पताल में बुधवार को सीवर सफाई के दौरान कथित रूप से जहरीली गैसों से दम घुटने के कारण चार सफाईकर्मियों की मौत हो गई। इसी तरह उन्हें बचाने एक दो अस्पतालकर्मी बेहोश हो गए। उनका अस्पताल में उपचार जारी है। इधर, घटना के विरोध में वाल्मीकि समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
दिल्ली स्थित कंपनी से आए थे कर्मचारी
फरीदाबाद सेंट्रल के पुलिस अधीक्षक (SP) मोहिंदर वर्मा ने बताया मृतक सफाईकर्मियों में दिल्ली के दक्षिणपुरी निवासी रोहित कुमार (23), उसका भाई रवि कुमार (24), विशाल (24) और रवि गोल्डर (25) शामिल हैं। उन्होंने बताया चोरों सफाईकर्मी दिल्ली स्थित संतुष्टि एलाइड सर्विस में कार्यरत थे और बुधवार को अस्पताल प्रशासन ने उन्हें सीवर की सफाई के लिए बुलाया था। सफाई के दौरान जहरीली गैस से दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
मैनहोल में पहले उतरे थे दो सफाईकर्मी- SP
SP ने बताया कि दो सफाईकर्मी अंडरवियर में थे, जबकि दो ने कपड़े पहने हुए थे। जांच में सामने आया कि अंडरवियर वाले सफाईकर्मी पहले मैनहोल में उतरे थे। उस दौरान जहरीली गैसों से उनके बेहोश होने के बाद बाहर खड़े उनके दोनों साथी भी उन्हें बचाने के लिए अंदर उतर गए। इस तरह चारों वहीं बेहोश होकर गिर पड़े। उन्होंने बताया कि मैनहोल के पास अन्य किसी के न होने से वह काफी देर तक अंदर ही पड़े रहे।
कैसे हुआ घटना का खुलासा?
SP ने बताया कि अस्पतालकर्मी नरेंद्र और शाहिद ने देखा कि मैनहोल के पास सामान पड़ा है, लेकिन कोई कर्मचारी नहीं है। इस पर उन्होंने वहां पहुंचकर देखा तो चारों अंदर बेहोश पड़े थे। उन्होंने बताया कि अस्पतालकर्मियों ने शोर मचाते हुए खद ही सफाईकर्मियों को निकालने का प्रयास किया। इससे जहरीली गैस के संपर्क में आने पर वह भी बेहोश हो गए। बाद में अन्य कर्मचारियों ने सभी को अस्पताल पहुंचाया, जहां चारों सफाईकर्मियों को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की कार्रवाई
SP ने बताया कि सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराकर बादशाह खान अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया तथा परिजनों को सूचना दी। इसी तरह परिजनों की शिकायत पर धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि घटना के लिए अस्पताल प्रशासन और कंपनी एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कहा जा रहा है कि सफाईकर्मी बिना सुरक्षा उपकरण के ही सीवर लाइन के मैनहोल में उतरे थे।
वाल्मीकि समुदाय ने जताया घटना पर विरोध
इधर, घटना की सूचना के बाद बुधवार शाम वाल्मीकि समुदाय के सदस्यों ने फरीदाबाद में विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी बाबाराम केवल ने कहा कि यह अस्पताल और एजेंसी की लापरवाही है। उन्होंने पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग की है। इस दौरान पुलिस ने उन्हें निष्पक्ष जांच करते हुए दोषियों पर उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत किया।
अस्पताल और कंपनी ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
इस घटना पर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सफाई के लिए पिछले कई वर्षों से एजेंसी के साथ करार है। एजेंसी इन कार्यों के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों को तैनात करती है। इन कार्यों के लिए तैनात कार्यबल की सुरक्षा की जिम्मेदारी एजेंसी की ही होती है। इधर, कंपनी का कहना है कि अनुबंध में छोटे नालों की सफाई शामिल है न कि सीवर टैंक की। कर्मचारियों को सीवर में उतारने से पहले उन्हें सुरक्षा उपकरण दिए जाने चाहिए थे।
न्यूजबाइट्स प्लस
फरीदाबाद में पिछले पांच सालों में 13 लोगों की मौत सफाई करने के दौरान हुई है, लेकिन अधिकतर मामलों में सजा नई हुई। 2 जुलाई, 2022 को पलवल के हसनपुर में सीवर की सफाई करते समय सफाईकर्मी राजेश की मौत हुई थी। इसी तरह 2 फरवरी, 2022 को फरीदाबाद के सेक्टर-14 में दो, 2020 में एनआईटी क्षेत्र में दो, अप्रैल 2019 में दो, मार्च 2019 में एक और साल 2018 व 2017 में दो-दो सफाईकर्मियों की मौत हुई थी।