उत्तर प्रदेश: अयोध्या में हुई योगी मंत्रिमंडल की ऐतिहासिक बैठक, 14 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
अयोध्या में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पहली बार मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस दौरान योगी ने कहा कि आज प्रदेश के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा है। इस बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने बैठक के दौरान बनाई गई रणनीतियों और मंजूर किए गए प्रस्तावों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान 14 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है, जिसमें सबसे पहला प्रस्ताव राज्य में अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण स्थापित करना है।
किन प्रस्तावों को मिली मंजूरी?
मुख्यमंत्री ने बताया कि अयोध्या शोध संस्थान को 'रामायण और वैदिक अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान' के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। अयोध्या धाम तीर्थ विकास परिषद और और मुजफ्फरनगर में 'शुकतीर्थ विकास परिषद' के गठन को मंजूरी मिली है। इस बैठक में अयोध्या के माझा जमथारा गांव में 25 अकड़ भूमि पर भारतीय वास्तुकला संग्रहालय की स्थापना को मंजूरी मिली है। इस दौरान शीतकालीन सत्र 28 नवंबर से बुलाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है।
योगी सरकार ने राज्य में ड्रोन नीति को दी मंजूरी
योगी ने बताया कि ड्रोन नीति को भी मंजूरी दी गई है। इसका दुरुपयोग रोकने के लिए भारत सरकार नागरिक उड्डयन अधिनियम के तहत एक नियमावली तैयार की जाएगी। इस नियमावली के तहत ड्रोन का पंजीकरण अनिवार्य होगा। इस व्यवस्था के तहत किस थाना क्षेत्र में कितने ड्रोन उपलब्ध हैं, इसकी जानकारी भी संबंधित थाने में दर्ज की जाएगी। ड्रोन के संचालन के लिए लाल, हरा और पीला जोन निर्धारित किया जाएगा।
पहली बार अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की होगी स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा, "दुनिया और देश दोनों ही जगहों पर उन इलाकों ने प्रगति की, जिनके पास अधिक जलमार्ग है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के कारण वाराणासी से हल्दिया के बीच स्थापित किया गया अंतर्देशीय जलमार्ग सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है। अब इस अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के जरिए प्रदेश को निर्यात हब के रूप में विकसित किया जाएगा।"
और किन प्रस्तावों को मिली मंजूरी?
मंत्रिमंडल की बैठक में बुलंदशहर में गंगा मेला का प्रांतीय करण और बनारस में देव दीपावली आयोजन का प्रांतीयकरण किया जाएगा। यानी इन आयोजनों का खर्च सरकार वहन करेगी। हाथरस मे दाऊजी लक्खी मेले और अयोध्या के सभी मेलों के प्रांतीयकरण करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए महिला स्वयंसेवी समूहों को उनके ही ब्लॉक मे प्लांट लगाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है।
न्यूजबाइट्स प्लस
बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। 10 दिवसीय उत्सव में करीब 5 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। उत्सव की जिम्मेदारी राम मंदिर ट्रस्ट के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने संभाली है। उत्सव में प्रधानमंत्री मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसके लिए अयोध्या के करीब 80 प्रतिशत होटलों के कमरे बुक हो गए हैं।