दो बहनों का अयोध्या मस्जिद की जमीन पर हक का दावा, खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
क्या है खबर?
दिल्ली की रहने वाली दो बहनों ने अयोध्या में मस्जिद के निर्माण के लिए दी गई पांच एकड़ जमीन पर अपना हक होने का दावा किया है।
इसे लेकर उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित की गई थी।
26 जनवरी को ध्वजारोहण और पौधारोपण के साथ मस्जिद का शिलान्यास किया गया था।
पृष्ठभूमि
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन देेने का आदेश
9 नवबंर, 2019 को अयोध्या के बहुचर्चित जमीन विवाद में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया था।
इसके अलावा कोर्ट ने मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन दिए जाने का आदेश दिया था।
इस आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को धनीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन दी गई थी जो राम मंदिर की जमीन से लगभग 25 किलोमीटर दूर है।
जानकारी
8 फरवरी को याचिका पर हो सकती सुनवाई
रानी कपूर उर्फ रानी बलूजा और रमा रानी पंजाबी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच की कोर्ट रजिस्ट्री में अपनी याचिका दी है। इस पर 8 फरवरी को सुनवाई हो सकती है।
याचिका
बंटवारे के समय जमीन मिलने के दावा
अपनी रिट पिटिशन में दोनों बहनों का कहना है कि उनके पिता ज्ञान चंद्र पंजाबी 1947 में बंटवारे के दौरान पाकिस्तान से भारत आए थे फिरोजाबाद (अब अयोध्या) जिले में बस गए थे।
उनका दावा है कि उनके पिता को नजूल विभाग ने धनीपुर गांव में पांच साल के लिए 28 एकड़ जमीन दी थी, जो पांच साल बाद भी उनके पास रही। बाद में उनका नाम राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज कर लिया गया था।
याचिका
रिकॉर्ड से नाम हटाए जाने के खिलाफ की थी शिकायत- याचिकाकर्ता
दोनों बहनों का कहना है कि आगे चलकर उनके पिता का नाम रिकॉर्ड से हटा दिया गया, जिसके विरुद्ध उन्होंने अयोध्या के अतिरिक्त कमिश्नर के पास अपील दायर की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया था।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चकबंदी की कार्यवाही के दौरान वहां मौजूद अधिकारी ने उनके पिता का नाम रिकॉर्ड से दोबारा हटा दिया था।
इसके खिलाफ उन्होंने अयोध्या सदर के चकबंदी अधिकारी के पास भी शिकायत की थी।
याचिका
कोर्ट में जमीन के आवंटन को दी गई चुनौती
याचिका में दोनों बहनों ने कहा है कि उनकी शिकायत पर विचार किए बिना ही प्रशासन ने उनकी 28 एकड़ जमीन में से पांच एकड़ मस्जिद के निर्माण के लिए दे दी है। याचिकाकर्ताओं ने इस मुद्दे का समाधान न निकलने तक प्रशासन से इस जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड को सौंपने की प्रक्रिया रोकने की मांग की है।
उन्होंने कोर्ट के सामने जमीन के आवंटन और उसके पूर्व की पूरी प्रक्रिया को चुनौती दी है।
अयोध्या
मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू होने में लगेगा वक्त
बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर अयोध्या में ध्वजारोहण और पौधारोपण के साथ मस्जिद का शिलान्यास किया गया था।
इस मस्जिद का नाम स्वतंत्रता सेनानी मौलवी अहमदुल्ला शाह के नाम पर रखा जाएगा।
मस्जिद का नक्शा पारित हो चुका है और इसमें पांच एकड़ जमीन के बीचोंबीच अस्पताल, पुस्तकालय और शैक्षिक और रिसर्च सेंटर भी बनाए जाने हैं। फिलहाल इसका शिलान्यास किया गया है। निर्माण कार्य शुरू होने में अभी समय लगेगा।