श्रद्धा हत्याकांड: केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर बोले- शिक्षित लड़कियों को लिव-इन रिलेशनशिप में नहीं रहना चाहिए
दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड को लेकर केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने इस तरह की घटनाओं के लिए 'पढ़ी-लिखी' लड़कियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वो अपने मां-बाप को छोड़कर लिव-इन रिलेशनशिप में रहती हैं। उनकी इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना हो रही है। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किशोर को उनके पद से हटाने की मांग की है।
क्या है श्रद्धा हत्याकांड?
दिल्ली में हुए श्रद्धा हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। श्रद्धा की हत्या के आरोप उसके लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला पर लगे हैं। जांच में सामने आया है कि आफताब ने शादी का दबाव बनाने पर श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शव के 35 टुकड़े कर फ्रीज में रख दिए। पकड़े जाने से बचने के लिए वह इन टुकड़ों को अलग-अलग स्थानों पर फेंकता था।
पढ़ी-लिखी लड़कियों के साथ हो रहीं ऐसी घटनाएं- किशोर
न्यूज18 से बात करते हुए आवासन और शहरी कार्य के राज्य मंत्री किशोर ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का क्या मतलब है? अगर लिव-इन में रहना है तो बकायदा रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। अगर मां-बाप नहीं तैयार है तो पहले कोर्ट मैरिज करें और फिर साथ रहें। उन्होंने आगे कहा कि ये घटनाएं उनके साथ हो रही हैं, जो पढ़ी-लिखी लड़कियां हैं और खुद को फ्रैंक बताती हैं और अपने भविष्य के फैसले खुद लेने की बात करती हैं।
लिव-इन रिलेशनशिप के कारण बढ़ रहे अपराध- किशोर
मंत्री ने आगे कहा कि लड़कियों को ध्यान देना चाहिए कि वो ऐसा क्यों कर रही है। जब उनसे पूछा गया कि क्या शिक्षित लड़कियां इसके लिए जिम्मेदार हैं तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल। श्रद्धा हत्याकांड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पढ़ी-लिखी लड़की ने ही तो मां-बाप से अलग रहने का फैसला लिया था। इन सब चीजों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप को गलत बताते हुए कहा कि इस कारण अपराध बढ़ रहे हैं।
प्रियंका चतुर्वेदी ने मंत्री को हटाने की मांग
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'हैरान हूं कि उन्होंने यह नहीं कहा कि इस देश में जन्म लेने के लिए लड़कियां जिम्मेदार हैं। बेशर्म, हृदयहीन और क्रूर, सभी परेशानियों के लिए लड़कियों को दोष देने की मानसिकता लगातार बढ़ रही है।' उन्होंने आगे लिखा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी नारी शक्ति की बातों को लेकर गंभीर हैं तो उन्हें केंद्रीय मंत्री को तुरंत हटाना चाहिए।
लिव-इन रिलेशनशिप अपराध नहीं- सुप्रीम कोर्ट
BBC के अनुसार, 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि व्यस्क होने के बाद व्यक्ति किसी के भी साथ रहने या शादी करने के लिए आजाद है। इसके साथ ही देश में लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मंजूरी मिली गई थी। कोर्ट ने कहा कि कुछ लोगों की नजर में यह अनैतिक है, लेकिन इसके बावजूद ऐसे रिश्ते में रहना अपराध नहीं है। हालांकि, भारत में इसे लेकर कोई कानून नहीं है।