
उज्जैन: दो क्वार्टर शराब पीने के बाद भी नहीं हुआ नशा तो गृहमंत्री से की शिकायत
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के उज्जैन में शराब पीने के बाद जब एक व्यक्ति को नशा नहीं हुआ तो उसने इसकी शिकायत गृह मंत्री और संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों से की है।
इस व्यक्ति का आरोप है कि ठेकेदार शराब में पानी मिलाकर बेच रहा है, जिसके चलते इससे नशा नहीं हो रहा।
उसने कहा है कि अगर आबकारी विभाग इस मामले में कार्रवाई नहीं करता है तो वह उपभोक्ता अदालत जाएगा।
वहीं विभाग ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
जानकारी
12 अप्रैल को सोठिया ने खरीदी थी शराब
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उज्जैन के रहने वाले लोकेंद्र सोठिया कई सालों से शराब पी रहे हैं। 12 अप्रैल को उन्होंने क्षीर सागर इलाके में स्थित एक ठेके से चार क्वार्टर देशी शराब ली थी। दो क्वार्टर पीने के बाद जब उन्हें नशा नहीं हुआ तो उन्हें शराब में पानी मिला होने का अंदेशा हुआ।
इसके बाद जब वो बाकी बचे क्वार्टर लेकर ठेकेदार के पास वापस गए और शिकायत की तो उसने सुनने से मना कर दिया।
शिकायत
कई जगह शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
लोकेंद्र का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कई जगह शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अब उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य के गृह मंत्री, उज्जैन के पुलिस अधीक्षक और आबकारी विभाग में आवेदन दिया है। उनका कहना है कि उनके पास दो क्वार्टर सीलबंद रखे हुए हैं और लैब से इनकी जांच होनी चाहिए।
अब अगर कार्रवाई नहीं होगी तो उन्होंने उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है।
बयान
कार्रवाई चाहता हूं ताकि शराबियों के साथ न्याय हो- सोठिया
न्यूज18 के अनुसार, सोठिया ने कहा, "मैं इस मामले में इसलिए कार्रवाई चाहता हूं ताकि शराबियों के साथ न्याय हो सके। मैं पीता भी हूं तो कमाता भी हूं, लेकिन उनका क्या जो सिर्फ पीते हैं? उनके लिए भी न्याय जरूरी है। मैं बस इतना चाहता हूं कि जो मेरे साथ हुआ वो अन्य किसी ग्राहक के साथ न हो। मुझे शराब पीते 20 साल हो गए हैं। इसलिए मुझे समझ में आ गया है कि इसमें मिलावट है या नहीं।"
कब जाएं उपभोक्ता अदालत?
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
उपभोक्ता अधिकारों से जुड़े मामलों के हनन पर उपभोक्ता अदालत में शिकायत की जा सकती है।
अगर आपको लगता है कि आपके उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन हुआ है या सेवा में कोताही हुई है तो आप उपभोक्ता अदालत जा सकते हैं। देश के हर जिले में ये अदालतें बनाई गई हैं, जहां आप लिखित शिकायत कर सकते हैं। इसके आधार पर अदालत प्रतिवादी को नोटिस जारी कर सकती है।
उपभोक्ता शिकायत के लिए वकील की भी मदद ले सकते हैं।