NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / मिड डे मील योजना के तहत आने वाले बच्चों को 100-100 रुपये देगी सरकार
    अगली खबर
    मिड डे मील योजना के तहत आने वाले बच्चों को 100-100 रुपये देगी सरकार

    मिड डे मील योजना के तहत आने वाले बच्चों को 100-100 रुपये देगी सरकार

    लेखन प्रमोद कुमार
    May 29, 2021
    10:32 am

    क्या है खबर?

    केंद्र सरकार ने सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को 100-100 रुपये देने का फैसला लिया है। ये राशि उन बच्चों को दी जाएगी, जो मिड डे मिल योजना के तहत आते हैं।

    हालांकि, खाद्य सुरक्षा के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता इससे खुश नहीं है और उनका कहना है कि यह राशि पर्याप्त नहीं है।

    सरकार ने देशभर में 11.8 करोड़ बच्चों के लिए 1,200 करोड़ आवंटित किए हैं और उन्हें यह पैसा एकमुश्त दिया जाएगा।

    जानकारी

    खाने बनाने की लागत के लिए तय मद से दिया जाएगा पैसा

    शुक्रवार को शिक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर इस संबंध में जानकारी दी।

    बयान में कहा गया है कि यह फैसला महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में बच्चों की इम्युनिटी और पोषण स्तर को बनाए रखने में मदद करेगा। इस काम के लिए केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 1,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड देगी।

    यह पैसा मिड डे मील में खाना बनाने की लागत के लिए आवंटित किए फंड से दिया जाएगा।

    जानकारी

    मिड डे मील के लिए कितना बजट?

    द हिंदू के अनुसार, 2021-22 में मिड डे मील योजना के लिए केंद्र सरकार ने 11,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

    इसमें सबसे ज्यादा पैसा खाना बनाने की लागत के लिए रखा गया है, जिसमें दाल, सब्जियां, तेल, नमक और दूसरा सामान आदि कवर होते हैं।

    पिछले साल पहली से पांचवीं कक्षा के प्रत्येक बच्चे के लिए खाना बनाने की लागत 4.97 रुपये और छठी से आठवीं कक्षा के बच्चे के लिए 7.45 रुपये निर्धारित की गई थी।

    सवाल

    सरकार के फैसले पर उठ रहे सवाल

    अंबेडकर यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर दीपा सिन्हा ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं।

    उन्होंने कहा, "कोरोना महामारी के चलते स्कूल बंद हैं और बच्चों को मिड डे मील की जगह कुछ जगहों पर नकदी और कहीं सूखा राशन दिया जा रहा है, लेकिन दोनों ही पोषण स्तर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।"

    सिन्हा ने कहा कि अगर ये पैसे हर महीने के हिसाब से भी दिए जाएंगे, तब भी रोजाना चार रुपये से कम होते हैं।

    विकल्प

    नकदी की जगह दिया जाए पर्याप्त राशन- सिन्हा

    सिन्हा ने आगे अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा कि 100 रुपये की राशि को निकालने में अन्य खर्च भी आएंगे और अभी लॉकडाउन के चलते लोगों को बैंक जाने में भी परेशानी होगी।

    उन्होंने नकदी देने का विकल्प सुझाते हुए कहा कि बच्चों का पोषण स्तर बनाए रखने के लिए उन्हें सूखा राशन, सब्जियां, दाल, चने और तेल आदि दिया जाना चाहिए।

    अन्य कई विशेषज्ञों ने भी 100 रुपये की राशि को अपर्याप्त बताया है।

    सुझाव

    राशन और पकाने की लागत भी दे सरकारें- खेड़ा

    IIT दिल्ली से जुड़ीं और खाद्य सुरक्षा के लिए काम करने वालीं रितिका खेड़ा ने कहा कि एक साल में लगभग 200 दिन स्कूल खुलते हैं तो उस हिसाब से बच्चों को हर साल 900-1,300 रुपये दिए जाने चाहिए। पिछले साल शायद ही किसी राज्य ने सूखा राशन देने के साथ-साथ उसे बनाने की लागत बच्चों को दी थी।

    उन्होंने कहा कि सरकार को पिछले साल की बकाया राशि को भी बच्चों को देनी चाहिए।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    मिड डे मील
    सरकारी स्कूल
    केंद्र सरकार
    कोरोना वायरस

    ताज़ा खबरें

    IPL 2025: रोहित शर्मा ने खेली प्लेऑफ में अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी, जानिए उनके आंकड़े इंडियन प्रीमियर लीग
    करुण नायर ने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ लगाया शतक, जानिए उनके आंकड़े  करुण नायर
    पंकज त्रिपाठी बोले- सिनेमा का शौक तो बचपन से नहीं, पहली बार कब देखी थी फिल्म? पंकज त्रिपाठी
    IPL 2025: SRH के ट्रेविस हेड का इस संस्करण कैसा रहा प्रदर्शन? आंकड़ों से जानिए इंडियन प्रीमियर लीग

    मिड डे मील

    उत्तर प्रदेश: मिड-डे मील की खौलती सब्जी में गिरने से तीन वर्षीय मासूम की मौत उत्तर प्रदेश

    सरकारी स्कूल

    जनसंख्या नियंत्रण पर बोले रामदेव, दो से ज्यादा बच्चों के मां-बाप का वोटिंग अधिकार छीन लो भारतीय जनता पार्टी
    UP Board Result: सरकारी स्कूलों के किसी भी छात्र ने मेरिट लिस्ट में नहीं बनाई जगह उत्तर प्रदेश
    अध्यापक ने छठी क्लास की छात्रा को लगवाए 168 थप्पड़, पुलिस ने किया गिरफ्तार मध्य प्रदेश
    केरल: सांप काटने से 5वीं कक्षा की छात्रा की मौत, स्कूल पर लापरवाही का आरोप केरल

    केंद्र सरकार

    आने वाली है तीसरी लहर, दिल्ली में नहीं होनी चाहिए ऑक्सीजन की कमी- सुप्रीम कोर्ट दिल्ली
    वैक्सीनेशन अभियान: कैसे केरल कम खुराकों से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करने में कामयाब रहा? केरल
    दिल्ली: रोज 700 टन ऑक्सीजन मिले तो इसकी कमी से नहीं होने देंगे कोई मौत- केजरीवाल दिल्ली
    सुप्रीम कोर्ट का सुझाव- कोरोना ड्यूटी करने वाले MBBS ग्रेजुएट्स को NEET में अतिरिक्त अंक मिले NEET

    कोरोना वायरस

    कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने के नहीं मिले हैं संकेत- AIIMS निदेशक भारत की खबरें
    कोरोना वायरस: देश में 41 दिन बाद दो लाख से कम नए मामले, 3,511 मौतें कोरोना वायरस के मामले
    कोरोना मरीजों को कोरोनिल की एक लाख किट बांटेगी हरियाणा सरकार, होम किट में होगी शामिल बाबा रामदेव
    अब सांस के जरिए महज 60 सेकंड में होगा कोरोना टेस्ट, सिंगापुर ने दी आंशिक मंजूरी सिंगापुर
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025