कोरोना वायरस: क्या मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बीच तरकार का खामियाजा भुगत रहा है गोवा?
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में गोवा के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। यहां अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड्स की किल्लत है। यही कारण है कि पिछले पांच दिनों में गोवा मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (GMCH) में ऑक्सीजन की कमी से 74 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसी बीच मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे के बीच लगातार तकरार बढ़ती जा रही है। गोवा में बिगड़ते हालातों के लिए इसे बड़ा कारण माना जा रहा है।
दोनों नेताओं के बीच ऑक्सीजन को लेकर हुआ हालिया विवाद
कोरोना से जूझ रहे गोवा में मुख्यमंत्री सावंत और राणे के बीच हालिया विवाद ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर हुआ है। गत 11 मई को GMCH में ऑक्सीजन की कमी से 26 मरीजों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री सावंत ने कहा था कि अस्पताल में पर्याप्त ऑक्सीजन है, लेकिन वितरण के कुप्रबंधन से परेशानी हो रही है। इसके उलट राणे ने कहा था कि मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई हैं और मुख्यमंत्री को गलत जानकारी मिली है।
विवाद के बाद हुई 48 और मरीजों की मौत
दोनों नेताओं के बीच हुई इस बयानबाजी के बाद भी अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और 12 से 14 मई के बीच GMCH में ऑक्सीजन की कमी से 48 और मरीजों की मौत हो गई। इनमें 12 मई को 20 मौत, 13 मई को 15 और 14 मई को चार घंटे में 13 मरीजों की मौत हुई है। हाई कोर्ट की गोवा पीठ के आदेशों के बाद भी ऑक्सीजन आपूर्ति सुचारू नहीं की गई।
भाजपा प्रबंधन ने खारिज की झगड़े की बात
मुख्यमंत्री सावंत और राणे के बीच चल रही तकरार की खबरों को भाजपा प्रबंधन ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। गोवा भाजपा अध्यक्ष सदानंद तनवड़े ने कहा, "दोनों के बीच कोई झगड़ा नहीं है, केवल मतभेद हैं। इसे अब सुलझा लिया गया है।"
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार स्थिति मजबूत करने में लगे हैं राणे
बता दें कि कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे के बेटे विश्वजीत राणे ने 2017 में भाजपा सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उस दौरान कांग्रेस के दो अन्य विधायक भी भाजपा में शामिल हुए थे। मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की मौत के बाद राणे को शीर्ष पद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन भाजपा प्रबंधन ने RSS नेता सावंत को मुख्यमंत्री बना दिया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राणे 2022 चुनाव को लेकर अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे हैं।
सावंत की छवि खराब करना हो सकता है राणे की रणनीति- कॉटिन्हो
गोवा के राजनीतिक विश्लेषक क्लियोफेटो कॉटिन्हो ने द प्रिंट से कहा कहा, "सावंत की छवि खराब करना राणे का गेम प्लान हो सकता है। महामारी मुख्यमंत्री के लिए खुद को साबित करने का बेहतर अवसर थी, लेकिन उनकी छवि प्रभावित हो रही है। ऐसा लगता है कि विपक्ष भी बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य मंत्री की जगह मुख्यमंत्री पर हमला बोल रहा है।" उन्होंने आगे कहा, "विधायक अटानासियो बाबुश मोंसेरेट ने मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य मंत्रालय संभालने का बयान दिया है।"
लॉकडाउन को लेकर भी सामने आई थी तकरार
बता दें कि दोनों नेताओं के बीच लॉकडाउन लागू करने को लेकर भी तकरार सामने आई थी। 26 अप्रैल को राणे ने ट्वीट किया था, 'कोरोना संक्रमण से बढ़ती मौतों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री सावंत के साथ आपातकालीन बैठक करेंगे। इसके अलावा यहां निश्चित रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक की तरह लॉकडाउन की जरूरत है। उम्मीद है मुख्यमंत्री उनका समर्थन करेंगे।' इसके कुछ देर बाद ही सावंत ने लॉकडाउन पर कोई फैसला नहीं करने का बयान दिया था।
राणे ने लॉकडाउन में देरी को ठहराया बिगड़ी हालत के लिए जिम्मेदार
विवादों के बीच मुख्यमंत्री सावंत ने 9 मई से राज्य में दो सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी, लेकिन राणे द्वारा CNN को दिए गए एक बयान ने दोनों के बीच तकरार को उजागर कर दिया। राणे ने कहा था कि राज्य में लॉकडाउन बहुत पहले लगाया जाना चाहिए था। उन्होंने 15 दिन पहले ही राज्य में लॉकडाउन लागू करने का सुझाव दिया था। अब देरी हो चुकी है और हालात नियंत्रण से बाहर हैं।
गोवा में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
गोवा में शुक्रवार को संक्रमण के 2,455 नए मामले सामने आए हैं और 61 लोगों की मौत हुई है। राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 1,32,885 हो गई है। इनमें से 1,998 की मौत हो चुकी है और वर्तमान में 32,387 सक्रिय मामले हैं।