बच्चों में कोविड के उपचार की नई गाइडलाइंस जारी, एंटीवायरल का इस्तेमाल न करने की सलाह
क्या है खबर?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों और किशोरों में कोविड-19 के उपचार से संबंधित नई गाइडलाइंस जारी की हैं।
इनमें बच्चों और किशोरों पर एंटीवायरल दवाओं और मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा पांच साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क पहनने की जरूरत नहीं होगी।
इन संशोधित गाइडलाइंस में और क्या-क्या कहा गया है, आइए जानते हैं।
#1
बच्चों में संक्रमण के लक्षण न दिखने पर कोई दवा न देने की सलाह
अपनी नई गाइडलाइंस में मंत्रालय ने बच्चों में कोविड को चार श्रेणियों में बांटा है।
पहली श्रेणी में बिना लक्षण वाली बीमारी को रखा गया है। इसमें बच्चों को अलग से कोई भी दवा न देने की सलाह दी गई है और उन्हें माता-पिता की निगरानी में ही रखने को कहा गया है।
इन संक्रमित बच्चों को तरल पदार्थ देने को भी कहा गया है ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो।
#2
हल्के संक्रमण वाले बच्चों के लिए क्या सलाह?
बच्चों में गले में खराश, नाक बहने, खांसी और आक्सीजन का स्तर 94 प्रतिशत से अधिक होने को हल्के संक्रमण का दर्जा दिया गया है।
उपचार में बुखार होने पर हर चार-छह घंटे पर 10-15 mg/kg पेरासिटामोल देने की सलाह दी गई है। खांसी के लिए गला ठीक करने वाले एजेंट्स और बड़े बच्चों और किशोरों को नमक के गरारे करने को कहा गया है।
अन्य कोई दवा नहीं देनी है और दिन में दो-तीन बार ऑक्सीजन चेक करनी है।
#3
मध्यम बीमारी वाले बच्चों के लिए क्या सुझाव दिए गए?
स्पष्ट न दिखने वाले निमोनिया, तेज श्वसन दर (एक मिनट में सांस) और ऑक्सीजन स्तर 90 से 93 प्रतिशत के बीच होने को मध्यम बीमारी की श्रेणी में रखा गया है।
ऐसे बच्चों में ऑक्सीजन को 94 से 96 प्रतिशत रखने की कोशिश करने और तरलता और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखने को कहा गया है।
बुखार होने पर चार-छह घंटे में 10-15 mg/kg पेरासिटामोल दी जा सकती है।
अन्य बैक्टीरियल संक्रमण होने पर एंटी-माइक्रोबियल्य दी जा सकती हैं।
#4
गंभीर रूप से बीमार बच्चों के लिए क्या सलाह दी गई?
90 प्रतिशत से कम ऑक्सीजन, गंभीर निमोनिया, रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, दौरे और मल्टी-ऑर्गन डाइफंक्शन सिंड्रोम आदि को गंभीर बीमारी की श्रेणी में रखा गया है।
ऐसे बच्चों को तुरंत ICU में भर्ती करके तत्काल ऑक्सीजन थेरेपी देने और तरलता और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखने की सलाह दी गई है।
खून के थक्के जमने पर खून को पतला करने वाली दवाएं (एंटीकोगुलेंट्स) दी जा सकती हैं।
अन्य कोई समस्या होने पर उस हिसाब से उपचार देने की सलाह दी गई है।
अन्य सुझाव
एंटीवायरल दवाओं और मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज का बिल्कुल इस्तेमाल न करने का सुझाव
नई गाइडलाइंस में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को रेमडेसिविर, फेवीपिराविर, मोलनुपिराविर और फ्लुक्सोमाइन जैसी एंटीवायरल दवाएं और सोट्रोविमैब और कैसिरिविमैब-इमदेविमैब जैसी मोनोक्लोनकल एंटीबॉडीज न देने को कहा गया है, चाहें वे कितने भी बीमार क्यों न हों। इन दवाओं के सुरक्षित और प्रभावी होने का डाटा उपलब्ध न होने के कारण ऐसा कहा गया है।
गाइडलाइंस में बीमारी ठीक होने के बाद भी बच्चों की अच्छे से देखभाल करने की सलाह भी दी गई है।
मौजूदा स्थिति
देश में महामारी की क्या स्थिति?
भारत अभी कोरोना की तीसरी लहर का सामना कर रहा है और इसका प्रमुख कारण ओमिक्रॉन वेरिएंट को माना जा रहा है।
देश में अभी तक 3,95,43,328 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है। इनमें से 4,89,848 लोगों की मौत हुई है।
बीते दिन देश में 3,06,064 नए मामले सामने आए और 439 मरीजों की मौत दर्ज हुई। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 22,49,335 हो गई है।
ओमिक्रॉन के आधिकारिक मामले 10,000 से अधिक हैं।