
पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादी था पाकिस्तान की सेना का पैरा कमांडो- रिपोर्ट
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पहलगामा में पर्यटकों पर हुए आतकंवादी हमले में अब बड़ी चौंकाने वाली खबर सामने आई है।
रिपोर्ट है कि हमला करने वाले आतंकियों में शामिल 3 पाकिस्तानी आतंकियों में से एक वहां की सेना का पैरा कमांडो था और उसे भारत में हमला करने के लिए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की मदद करने को भेजा गया था।
हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और जांच की जा रही है।
रिपोर्ट
हमले में पाकिस्तानी सेना और ISI संलिप्तता आई सामने
TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब तक की जांच में इस आतंकी हमले में पाकिस्तानी सेना और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की प्रत्यक्ष संलिप्तता सामने आई है, जिससे इस नरसंहार में सीमा पार के संबंध होने के भारत के पहले के दावों को बल मिला है।
रिपोर्ट के अनुसार, हमले में पाकिस्तान के आतंकी के रूप में पहचाने गए हाशिम मूसा के कथित तौर पर पाकिस्तान के विशेष बलों में पैरा-कमांडो होने की भी बात सामने आई है।
दावा
सुरक्षा अधिकारी ने किया बड़ा दावा
TOI ने आतंकवादी समूहों, पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियों और सेना के बीच घनिष्ठ संबंधों के बारे में बात करते हुए एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले से लिखा है, 'यह संभव है कि पाकिस्तान के विशेष बलों, जैसे कि स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) ने मूसा को भारत में हमला करने के लिए LeT को उधार दिया हो।'
बता दें, मूसा नियंत्रण रेखा (LoC) से घुसपैठ करने के बाद भारत में LeT के प्रमुख ऑपरेटिव के रूप में काम कर रहा था।
कमांडो
क्या होते हैं पैरा कमांडो?
SSG के पैरा कमांडो अपरंपरागत युद्ध और गुप्त अभियानों में उच्च प्रशिक्षित होने के लिए जाने जाते हैं।
उनके गहन प्रशिक्षण में शारीरिक कंडीशनिंग, मानसिक लचीलापन, रणनीतिक योजना, उन्नत हथियार संचालन, हाथ से हाथ का मुकाबला और कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रहने के कौशल पर जोर दिया जाता है।
इसी तरह इन कमांडों को पकड़े जाने पर किसी भी सूरत में अपना मुंह न खोलने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है।
खुलासा
कैसे चला मूसा की पाकिस्तानी सैन्य पृष्ठभूमि का पता?
रिपोर्ट के अनुसार, 15 कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स (खुले में आतंकियों की मदद करने वाले) से पूछताछ के दौरान मूसा की पाकिस्तान की सेना में मौजूदगी का पता चला है।
ये ओवरग्राउंड वर्कर्स पाकिस्तानी हमलावरों और आतंकवादियों को रसद सामग्री पहुंचाने और सेना की मूवमेंट की जानकारी देने का काम करते थे।
मूसा पिछले हमलों में भी आम कड़ी के रूप में उभरा है, जिसमें अक्टूबर 2024 में गंदेरबल के गगनगीर में हुई हत्याएं शामिल हैं।
प्रयास
सेना कर रही है सबूत जुटाने के प्रयास
मूसा के पाकिस्तानी सेना में पैरा कमांडो होने के बात सामने आने के बाद अब भारतीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां इस संबंध में सबूत जुटाने का प्रयास कर रही है।
इसके लिए कश्मीर घाटी में मौजूद सभी आतंकी सहयोगियों को पकड़कर पूछताछ करने का काम जारी है।
अगर, सेना सबूत जुटाने में सफल रहती है तो फिर भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तानी सेना के आतंकवाद में शामिल होने की पोल खाेलने का प्रयास करेगा।
हमला
पहलगाम में कैसे हुआ था आतंकी हमला?
22 अप्रैल को पहलगाम के एक रिसॉर्ट में 4 आतंकवादियों ने गोलीबारी की। यह हमला उस समय हुआ जब पर्यटक खच्चर की सवारी का आनंद ले रहे थे। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई।
इस हमले से पूरा देश स्तब्ध है तथा भारत और विदेशों में इसकी कड़ी निंदा की है।
यह देश में पिछले दो दशकों में हुए सबसे घातक नागरिक हमलों में से एक है। सुरक्षा बल आतंकियों की तलाश में जुटे हैं।