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क्या है शिमला समझौता, जिसे रद्द करने की पाकिस्तान दे रहा है धमकी?
पाकिस्तान ने दी शिमला समझौते को खत्म करने की धमकी

क्या है शिमला समझौता, जिसे रद्द करने की पाकिस्तान दे रहा है धमकी?

Apr 24, 2025
07:09 pm

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सिंधु जल समझौता रद्द करने सहित कई सख्त कदम उठाए हैं। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार खत्म करने और भारतीय एयरलाइंसों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने का ऐलान किया है। साथ ही शिमला समझौते को खत्म करने की भी धमकी दी है। ऐसे में आइए जानते हैं शिमला समझौता क्या है?

समझौता

आइए जानते हैं क्या है शिमला समझौता

भारत ने सैन्य हस्तक्षेप कर मार्च 1971 में पूर्वी पाकिस्तान को पाकिस्तान से अलग कर बांग्लादेश के रूप में नया देश स्थापित किया था। उस युद्ध में भारत ने लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बना लिया था। इसके करीब 16 महीने बाद 2 जुलाई, 1972 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे 'शिमला समझौता' के नाम से जाना जाता है।

प्रावधान

शिमला समझौते के क्या थे प्रावधान?

शिमला समझौते में दोनों देशों ने शांतिपूर्ण तरीकों और बातचीत के जरिए अपने मतभेदों का समाधान करने की प्रतिबद्धता जताई थी। इसका मकसद शांति बनाए रखना और रिश्ते सुधारना था। इस समझौते के जरिए भारत-पाकिस्तान ने तय किया था कि दोनों देश कोई भी विवाद आपसी बातचीत से सुलझाएंगे। इसमें कोई तीसरा देश या संगठन दखल नहीं देगा। कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) को कोई भी देश एकतरफा नहीं बदलेगा और दोनों देश इसका पूरी ईमानदारी से सम्मान करेंगे।

अन्य

समझौते में ये भी किए गए थे प्रावधान

इस समझौते में दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा, युद्ध या गलत प्रचार न करने, शांति से रहने और रिश्तों को बेहतर बनाने पर सहमत हुए थे। इसके बाद भारत ने युद्धबंदी बनाए गए पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों को रिहा कर दिया और युद्ध के दौरान पश्चिमी पाकिस्तान की कब्जे में ली गई 5,000 मील जमीन को भी छोड़ दिया था। इसी तरह पाकिस्तान ने भी युद्ध के दौरान बंद बनाए गए कुछ भारतीय सैनिकों को रिहा कर दिया था।

जानकारी

कश्मीर मुद्दे पर यह बनी थी सहमति

शिमला समझौते में कश्मीर मुद्दे पर भी विशेष सहमति बनी थी। इसके तहत यह तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर सहित सभी मुद्दे सिर्फ आपसी बातचीत से सुलझाए जाएंगे और इसमें किसी भी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता नहीं की जाएगी।

परिणाम

समझौता खत्म होने के क्या होंगे परिणाम?

अगर भारत-पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता (1972) खत्म होता है, तो पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र या अन्य देशों के सामने उठाने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा। LoC पर संघर्ष विराम की स्थिति और शांति भंग हो सकती है। ऐसे में भारतीय सेना को ज्यादा चौकन्ना रहना पड़ेगा। हालांकि, भारत भी कश्मीर सहित पाकिस्तान से जुड़े अन्य मुद्दों को संयुक्त राष्ट्र तक ले जा सकता है, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव उच्च स्तर पर पहुंच जाएगा।

कदम

पाकिस्तान ने ये कदम भी उठाए

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापार के अलावा पाकिस्तान के रास्ते तीसरे देश से होने वाले व्यापार पर भी रोक लगा दी है। इसी तरह, सभी भारतीय एयरलाइंस के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने, भारत जाने के सभी स्थल मार्ग (अंतरराष्ट्रीय सीमा) बंद करने और शिमला समझौते सहित सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित करने की बात कही है। ऐसे में अब पूर्ण पैमाने पर कूटनीतिक और रसद संबंधी रोक की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

वीजा

पाकिस्तान ने भी रद्द किए भारतीयों को जारी वीजा

भारत की तरह ही पाकिस्तान ने भी भारतीय नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रद्द कर दिए हैं। इसमें सार्क वीजा छूट योजना (SVES) के तहत जारी वीजा भी शामिल है। पाकिस्तानी PMO ने कहा, "जो लोग वैध वीजा के साथ सीमा पार कर गए हैं, वे तुरंत उस मार्ग से लौट सकते हैं, लेकिन 30 अप्रैल के बाद नहीं। इसी तरह SVES वीजा प्राप्त भारतीय नागरिकों को अगले 48 घंटों में पाकिस्तान छोड़ने के लिए कहा गया है।"

जानकारी

पाकिस्तान ने भारत को दी चेतावनी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक में कहा गया है कि सिंधु जल संधि के तहत नदी के पानी को रोकने या उसके रुख को मोड़ने के भारत के प्रयास को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।

कदम

भारत ने क्या-क्या कदम उठाए हैं?

पहलगाम हमले के बाद हुई सुरक्षा कैबिनेट की एक विशेष बैठक में सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा सलाहकारों को अवांछित घोषित कर उन्हें देश छोड़ने का आदेश देने और इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में अपने कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया है। इसी तरह पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीजा रद्द करने और वाघा सीमा को बंद करने का भी फैसला किया है।