
तमिलनाडु: पक्षियों को न हो परेशानी, इसलिए दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़ते ये 7 गांव
क्या है खबर?
तमिलनाडु में इरोड जिले के 7 गांवों में दिवाली बिना आतिशबाजी के मनाई जाती है। गांव वालों ने यह फैसला इरोड से 10 किलोमीटर दूर वदामुगम वेल्लोड में स्थित पक्षी अभयारण्य को देखते हुए लिया।
इंडिया टुडे के मुताबिक, अक्टूबर से जनवरी तक चलने वाले प्रजनन के मौसम के दौरान अभयारण्य हजारों स्थानीय और प्रवासी पक्षियों का ठिकाना बन जाता है।
इसी सीजन में सभी पक्षी अपने अंडे देने और सोने के लिए अभ्यारण्य में आते हैं।
पहल
गांव में रहते हैं 900 परिवार
इन गांवों में करीब 900 परिवार रहते हैं और उन्होंने अभयारण्य के कारण शांति से दिवाली मनाने का फैसला लिया।
सेलप्पमपालयम, वदामुगम वेल्लोड, सेम्मांडमपालयम, करुक्कनकट्टू वलासु, पुंगमपाडी और 2 अन्य गांवों के लोग इस परंपरा का पालन करते हैं।
गांव के लोग दिवाली पर नए कपड़े खरीदते हैं और पूजा करते हैं। आतिशबाजी के नाम पर केवल फूलझड़ी चलाते हैं, लेकिन आवाज वाले पटाखों का उपयोग नहीं करते।
परंपरा
22 सालों से जारी है परंपरा
रिपोर्ट के मुताबिक, गांव में पिछले 22 साल से यह परंपरा निभाई जा रही है और पक्षियों को बिना परेशान किए दिवाली का त्याहोर मनाया जाता है।
अभ्यारण्य से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि शनिवार और रविवार को अभयारण्य के आसपास आतिशबाजी की कोई घटना सामने नहीं आई है।
इसके विपरीत दिल्ली में वायु प्रदूषण गुणवत्ता (AQI) को सुधारने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी आतिशबाजी की गई, जिससे यहां का AQI बिगड़ गया।