मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मरवाने पर सुप्रीम कोर्ट बोला- सरकार की अंतरात्मा को झटका लगना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक स्कूल में मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मरवाने की घटना पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि अगर आरोप सही हैं तो इससे राज्य सरकार की अंतरात्मा को झटका लगना चाहिए। कोर्ट ने राज्य सरकार को मामले की जांच की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ IPS अधिकारी को नियुक्त करने और अनुपालन रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। अब अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।
क्या है पूरा मामला?
कुछ समय पहले मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्बापुर में स्थित नेहा पब्लिक स्कूल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें तृप्ति त्यागी नाम की शिक्षिका एक छात्र को दूसरे छात्रों से थप्पड़ मरवाती दिख रही थीं। वीडियो में पीड़ित छात्र मुस्लिम और थप्पड़ मारने वाले छात्र हिंदू बताए जा रहे हैं। मामले राजनीयिक गलियारों में छाया रहा और राहुल गांधी से लेकर तमाम बड़े नेताओं ने वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साझा किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जीवन के अधिकार से जुड़ा है मामला
आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीर और चिंताजनक बताते हुए कहा कि यह तो जीवन के अधिकार से जुड़ा मामला है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़ित और घटना में शामिल अन्य छात्रों की काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को इस घटना में शामिल छात्रों की काउंसलिंग पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने और पीड़ित बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने लिए भी निर्देशित किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर भी उठाए सवाल
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर दर्ज FIR पर आपत्ति जताई, जिसमें पीड़ित बच्चे के पिता द्वारा लगाए गए आरोप दर्ज नहीं हैं। कोर्ट ने कहा, "पिता ने बयान दिया था कि उसके बेटे को उसके धर्म के कारण पीटा गया था, लेकिन FIR में इसका उल्लेख नहीं किया गया था।" कोर्ट ने कहा, "जब हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करते हैं तो उसमें संवेदनशीलता भी शामिल है। ये मामला राज्य सरकार की विफलता का है।"
कोर्ट ने 6 सितंबर को राज्य सरकार को जारी किया था नोटिस
इससे पहले मामले में कोर्ट ने 6 सितंबर को राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए मुजफ्फरनगर के पुलिस अधीक्षक (SP) से रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने अपने नोटिस में पुलिस से पूछा था कि मामले में आरोपियों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई और बच्चे के परिवार की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि मामले के सांप्रदायिक पक्ष को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।
मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है?
उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले में आरोपी शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है और यहां पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया है। वीडियो सामने आने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया था। इसके अलावा पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर करने पर पुलिस ने पत्रकार मोहम्मद जुबैर पर मुकदमा दर्ज किया था।