सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा- कृत्रिम बारिश से लिए केंद्र से अनुमति लें
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने कृत्रिम बारिश कराए जाने को लेकर दिल्ली सरकार को केंद्र से अनुमति लेने को कहा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि अदालत को कृत्रिम बारिश की योजना में हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए।
कोर्ट के समक्ष दिल्ली के मुख्य सचिव ने एक हलफनामा पेश पर शहर में बढ़े वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने का एक प्रस्ताव रखा था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में वायु प्रदूषण को लेकर सुनवाई चल रही थी।
दिल्ली
कृत्रिम बारिश के लिए कई मंत्रालयों की अनुमति अनिवार्य- सरकार
शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है, लेकिन इसके लिए उन्हें कई केंद्रीय मंत्रालयों से अनुमति लेना अनिवार्य है, जो एक कठिन मुद्दा है।
वायु प्रदूषण कम करने के लिए कृत्रिम बारिश कराए जाने की योजना पर कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र से संपर्क कर अनुमति ले सकती है और पूछा कि कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए।
सरकार
कोर्ट ने सरकार को आवश्यक कार्रवाई पूरी करने के दिए निर्देश
इससे पहले दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अगर केंद्र सरकार फैसले का समर्थन करता है, तो वह 20 नवंबर तक शहर में कृत्रिम बारिश के पहले चरण की व्यवस्था कर सकती है।
इसके बाद कोर्ट ने मामले में मुख्य सचिव को केंद्र के साथ सभी आवश्यक कार्रवाई पूरी करने और कृत्रिम बारिश कराने की योजना के लिए संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों की अनुमति लेनी को कहा है।
सरकार
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा- हमें अब नतीजे चाहिए
कोर्ट में दिल्ली में प्रदूषण को लेकर AAP सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि पिछले 6 सालों से तमाम कोशिशों के बाद भी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बनी हुई है, लेकिन अब हमें नतीजे चाहिए।
इस बीच दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर से शहर में ऑड-ईवन योजना को लागू करने के फैसले को स्थगित कर दिया है। कोर्ट ने ऑड-ईवन योजना को लागू करने का फैसला दिल्ली सरकार पर छोड़ दिया था।
बारिश
सरकार IIT कानपुर की टीम की मदद से कराएगी कृत्रिम बारिश
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को वायु प्रदूषण को कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग के माध्यम से कृत्रिम बारिश की संभावना पर IIT कानपुर की एक टीम के साथ बैठक की थी।
इस बैठक के बाद मंत्री ने कहा था कि दिल्ली में 20-21 नवंबर के बीच कृत्रिम बारिश करवाई जा सकती है और ये प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया है।
उन्होंने बताया कि कृत्रिम बारिश के लिए सरकार 13 करोड़ रुपये खर्च वहन करेगी।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
कृत्रिम बारिश एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें सिल्वर आयोडाईड, ड्राई आइस और साधारण नमक जैसे रासानयिक एजेंट्स को बादलों में छोड़ा जाता। इनकी वजह से बादलों पानी में बदलने लगते हैं और बारिश हो जाती है।
इस प्रक्रिया को क्लाउड सीडिंग कहते हैं। इसके लिए प्राकृतिक बादलों का होना आवश्यक है। कृत्रिम बारिश करवाने में एक बार में 10-15 लाख रुपये की लागत आती है।
अब तक इस प्रक्रिया का उपयोग दुनियाभर में 53 देशों ने किया है।