NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / सुप्रीम कोर्ट ने 26 हफ्ते के गर्भ को गिराने की महिला की याचिका को किया खारिज
    अगली खबर
    सुप्रीम कोर्ट ने 26 हफ्ते के गर्भ को गिराने की महिला की याचिका को किया खारिज
    सुप्रीम कोर्ट ने महिला की 26 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया है

    सुप्रीम कोर्ट ने 26 हफ्ते के गर्भ को गिराने की महिला की याचिका को किया खारिज

    लेखन नवीन
    Oct 16, 2023
    04:04 pm

    क्या है खबर?

    सुप्रीम कोर्ट ने 26 सप्ताह के भ्रूण के गर्भपात के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया है।

    कोर्ट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की जांच रिपोर्ट के आधार पर ये फैसला दिया।

    मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "गर्भ 26 सप्ताह और 5 दिन का है। गर्भपात की अनुमति देना गर्भपात अधिनियम की धारा 3 और 5 का उल्लंघन होगा क्योंकि इससे मां को तत्काल कोई खतरा नहीं है और भ्रूण में भी विकृतियां नहीं हैं।"

    कोर्ट

    CJI बोले- हम किसी की धड़कन नहीं रोक सकते हैं

    CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने अजन्मे बच्चे के अधिकारों का हवाला देते हुए कहा कि बच्चे को इस धरती पर जन्म लेने का पूरा अधिकार है।

    उन्होंने कहा, "भ्रूण की जांच रिपोर्ट में कोई भी असामान्यता देखने को नहीं मिली और AIIMS तय समय पर ही महिला का प्रसव कराएगा। हम किसी की धड़कन नहीं रोक सकते हैं।"

    उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल पूर्ण न्याय के लिए किया जा सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल हर मामले में नहीं हो सकता।"

    कोर्ट

    बच्चे के जन्म के बाद दंपति के पास गोद देने का विकल्प- CJI

    CJI चंद्रचूड़ ने कहा, "महिला का प्रसव AIIMS में सरकारी खर्च पर होगा। बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता ये फैसला लेने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं कि वह बच्चे को पालना चाहते हैं या उसे गोद लेने के लिए छोड़ना चाहते हैं।"

    उन्होंने कहा, "बच्चे को गोद देने का विकल्प दंपति पर निर्भर करता है और अगर वह ऐसा चाहते हैं तो केंद्र सरकार उनकी पूरी सहायता करेगी।"

    मामला

    क्या है मामला? 

    एक शादीशुदा महिला ने सुप्रीम कोर्ट से अपने 26 महीने के गर्भ को गिराने की मांगी थी।

    महिला का कहना है कि उसके पहले से 2 बच्चे हैं और वो मानसिक-आर्थिक तौर पर तीसरे बच्चे की परवरिश के लिए सक्षम नहीं है।

    उसने दलील दी कि वो मानसिक अवसाद से जूझ रही है और इसके लिए दवाई भी ले रही है।

    महिला का कहना है कि ऐसी स्थिति में उसे अनचाही गर्भावस्था के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

    कोर्ट

    पहले सुप्रीम कोर्ट ने दे दी थी गर्भपात की अनुमति 

    सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूबर को महिला को गर्भपात की अनुमति दे दी थी।

    कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति देते हुए कहा था, "हम मानते हैं कि अपने शरीर पर महिला का अधिकार है। अगर अनचाहे गर्भधारण से बच्चा इस दुनिया में आएगा तो उसके लालन-पालन की जिम्मेदारी महिला पर ही आएगी।"

    हालांकि, अगले ही दिन केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा था कि भ्रूण के बचने की संभावना है, जिसके बाद कोर्ट ने फैसले पर रोक लगा दी थी।

    गर्भपात

    भारत में गर्भपात को लेकर क्या नियम हैं? 

    गर्भपात को लेकर भारत में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) कानून, 1971 है। इस कानून में 2020 में कुछ संशोधन किए गए थे और इसके तहत अधिकतम 24 हफ्ते के भ्रूभ के गर्भपात की इजाजत है।

    हालांकि, मेडिकल बोर्ड की सिफारिश, रेप पीड़िता और बाकी कई पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है।

    संशोधन से पहले ये अवधि 20 हफ्ते तक थी।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    सुप्रीम कोर्ट
    गर्भवती महिला

    ताज़ा खबरें

    ऐपल WWDC 2025 9 जून से होगा आयोजित, कब और कैसे देख सकेंगे आप? ऐपल
    IPL 2025: RR ने CSK को हराते हुए चौथी जीत दर्ज की, ये बने रिकॉर्ड्स IPL 2025
    महेंद्र सिंह धोनी ने टी-20 क्रिकेट में अपने 350 छक्के पूरे किए, जानिए उनके आंकड़े महेंद्र सिंह धोनी
    IPL: सबसे ज्यादा फाइनल मैचों की मेजबानी कर चुके हैं ये मैदान इंडियन प्रीमियर लीग

    सुप्रीम कोर्ट

    मोदी सरनेम मामला: राहुल गांधी की सांसदी बहाल होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर राहुल गांधी
    सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित रखा गया अनुच्छेद 370
    NC सांसद ने सुप्रीम कोर्ट में दोहराई संविधान की शपथ, सरकार ने बताया नाटक  अनुच्छेद 370
    #NewsBytesExplainer: इंडिया या भारत, देश के नाम पर क्या कहता है संविधान और सुप्रीम कोर्ट?  INDIA

    गर्भवती महिला

    इंडियन बैंक ने गर्भवती महिलाओं को नौकरी के लिए बताया अनफिट, फैसले की हो रही आलोचना भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
    पाकिस्तान: स्वास्थ्यकर्मियों ने डिलीवरी करते समय काटा शिशु का सिर, मां के गर्भ में ही छोड़ा पाकिस्तान समाचार
    जानिए विशेषज्ञ क्यों गर्भवती महिलाओं को रोजाना एक्सरसाइज करने की देते हैं सलाह लाइफस्टाइल
    पुर्तगाल: बेड न मिलने के कारण गर्भवती भारतीय महिला की मौत, स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा पुर्तगाल
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025