CBI विवादः आलोक वर्मा पर फैसला लेने वाली कमेटी में नहीं होंगे मुख्य न्यायाधीश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मामले में कल अपना फैसला सुनाया था। कोर्ट ने आलोक वर्मा को एजेंसी के निदेशक के पद पर फिर से नियुक्त कर दिया था। साथ ही कोर्ट ने आलोक वर्मा पर फैसला लेने के लिए सेलेक्शन कमेटी को जिम्मेदारी दी थी। इस कमेटी में आमतौर पर प्रधानमंत्री, नेता विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होते हैं, लेकिन आलोक वर्मा पर फैसला लेने वाली कमेटी में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई नहीं होंगे।
ये होंगे कमेटी में शामिल
आलोक वर्मा पर फैसला लेने वाली कमेटी के सदस्यों के नाम का ऐलान हो गया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी, प्रधानमंत्री मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। अभी आधिकारिक तौर पर लोकसभा में कोई नेता विपक्ष नहीं है, इसलिए सबसे बड़ा विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे इसका हिस्सा होंगे। इस कमेटी की बैठक आज होने की संभावना है। हालांकि, खड़गे ने इसे शुक्रवार को रखने का प्रस्ताव दिया है।
ANI ने ट्वीट कर दी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे वर्मा की बहाली के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को झटका देते हुए CBI प्रमुख आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फैसले को गलत बताया था। कोर्ट ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के फैसले को पलटते हुए आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का फैसला रद्द कर दिया था। मंगलवार को यह फैसला आने के बाद आलोक वर्मा ने आज फिर पदभार संभाल लिया है, लेकिन वे सेलेक्शन कमेटी का फैसला आने तक नीतिगत फैसले नहीं ले सकेंगे।
वर्मा नहीं ले पाएंगे नीतिगत फैसले
कोर्ट ने वर्मा को निदेशक के पद पर बहाल कर दिया है, लेकिन एक सप्ताह तक उनके नीतिगत फैसले लेने पर रोक लगा दी है। जब तक सेलेक्ट कमेटी उन पर फैसला नहीं ले लेगी, वे कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले सकेंगे। तब तक वर्मा केवल प्राशसनिक फैसले ले पाएंगे। इसी हफ्ते सेलेक्ट कमेटी की बैठक होगी। साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि ऐसे मामलों में फैसला केवल सेलेक्ट कमेटी ही करेगी।
क्या था मामला
केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर को CBI निदेेशक आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था। सरकार ने वर्मा की जगह एम नागेश्वर राव को एजेंसी का कार्यकारी निदेशक नियुक्त कर दिया था। इसके बाद आलोक वर्मा ने सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने 6 दिसंबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को यह फैसला सुनाया गया।