सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली सरकार को निर्देश, रैपिड रेल के लिए 1 हफ्ते में दे पैसे
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिल्ली-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (RRTS) परियोजना के लिए 415 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को एक हफ्ते की मोहलत दी है और कहा है कि अगर एक सप्ताह के भीतर आवश्यक कदम नहीं उठाए तो सरकार के विज्ञापन बजट पर रोक लगा दी जाएगी। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की।
क्या है मामला?
RRTS एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना की लागत करीब 30,000 करोड़ है, जिसका केंद्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार को भुगतान करना था। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना हिस्सा जमा कर दिया है और एशियाई विकास बैंक के ऋण का हिस्सा देने पर सहमत हो गए, लेकिन दिल्ली सरकार ने अब तक ऐसा नहीं किया है। बता दें कि कोर्ट ने जुलाई में दिल्ली सरकार को बकाया चुकाने के लिए 2 महीने का समय दिया था।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वह RRTS के लिए बाकी 415 करोड़ रुपये एक हफ्ते में चुकाए, नहीं तो कोर्ट दिल्ली सरकार के 550 करोड़ रुपये के विज्ञापन बजट को कुर्क कर लेगा। कोर्ट ने पूछा, "अगर दिल्ली सरकार 3 साल में विज्ञापनों पर 1,100 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है तो सरकार बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में योगदान क्यों नहीं दे सकती?" अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।
कोर्ट ने कहा- हमारे पास कोई विकल्प नहीं
कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के एक आवेदन पर कहा, "हमारे पास यह निर्देश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि दिल्ली द्वारा इस वर्ष के लिए विज्ञापन बजट के तहत आवंटित धनराशि को परियोजना में स्थानांतरित कर दिया जाए।" कोर्ट ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा के अनुरोध पर सरकार को चेतावनी के साथ एक और सप्ताह का समय दिया है।
पीठ ने कहा- कोर्ट को हल्के में न लें
पीठ ने आगे कहा, "आप कोर्ट को हल्के में नहीं ले सकते। हम अगली सुनवाई में देखेंगे कि आपने इस पर क्या किया।" मामले में NCRTC ने बुनियादी ढांचा परियोजना के लिए भुगतान करने में सरकार की अनिच्छा पर खेद व्यक्त किया था।
दिल्ली सरकार दे चुकी है भुगतान का कुछ हिस्सा
इससे पहले दिल्ली सरकार इस परियोजना के लिए 2019 में 265 करोड़ रुपये और फिर 500 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। जुलाई में कोर्ट ने उसे बाकी 415 करोड़ रुपये की रकम का भुगतान करने का आदेश दिया था। दिल्ली सरकार ने भुगतान करने के लिए 5 दिसंबर तक का अतिरिक्त समय मांगा था, लेकिन पीठ ने इससे इनकार कर दिया। इस परियोजना के लिए कुछ ऋण भी लिया गया है, जो एशियाई विकास बैंक ने दिया है।
क्या है रैपिड रेल सिस्टम?
यह एक हाई स्पीड रेल नेटवर्क है। इस पर ट्रेनों की रफ्तार 160 से लेकर 180 किलोमीटर हो सकती है। इन ट्रेनों को मल्टी-मॉडल इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम से बनाया गया है। इसका उद्देश्य दिल्ली को उसके आसपास के राज्यों और बड़े शहरों से जोड़ना है। यह कुल 80 किलोमीटर का होगा और पहले चरण में 17 किलोमीटर तक का काम पूरा किया जा चुका है, जिसमें कुल 5 स्टेशन हैं। इनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल हैं।