रैपिड रेल: दिल्ली सरकार ने कहा- पैसे नहीं; सुप्रीम कोर्ट ने मांगा विज्ञापनों पर खर्च का ब्यौरा
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (RRTS) परियोजना में देरी को लेकर दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली सरकार को रैपिड रेल परियोजना के विज्ञापनों में पिछले 3 सालों में खर्च हुई धनराशि का विस्तृत ब्यौरा पेश करने को कहा है। इससे पहले कोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा कि वह परियोजना के लिए धन आवंटित करने में असमर्थ है।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से क्या कहा?
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा, "आपके पास RRTS परियोजना, जो सुचारू परिवहन को सुनिश्चित करेगी के लिए जरूरी है, धन क्यों नहीं है, जबकि आपने परियोजना के विज्ञापनों के लिए धन आवंटित किया था।" कोर्ट ने कहा, "अगर आपके पास विज्ञापनों के लिए धन है तो इस परियोजना के लिए धन उपलब्ध क्यों नहीं है? आप पिछले 3 साल में परियोजना के विज्ञापनों में खर्च धनराशि का विस्तृत रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करें।"
क्या है RRTS परियोजना?
दिल्ली-मेरठ RRTS एक रैपिड रेल कॉरिडोर है, जिसका निर्माण वर्तमान में किया जा रहा है। यह कॉरिडोर दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ शहरों को जोड़ेगा। रैपिडएक्स परियोजना के तहत यह हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बनाया जा रहा है। 28 जून को दिल्ली से मेरठ से बीच रैपिड रेल परियोजना को केंद्र सरकार के मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (CMRS) से मंजूरी मिल गई। इसके परिचालन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की होगी।
पहले चरण में 17 किलोमीटर रूट पर दौड़ेगी रैपिड ट्रेन
NCRTC का दावा है कि ये भारत का पहला ऐसा ट्रेन सिस्टम होगा, जिसमें ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इसके पहले चरण के तहत रैपिड रेल साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच चलेगी और यह रूट 17 किलोमीटर लंबा है। NCRTC ने बताया कि इस रूट पर 5 स्टेशन होंगे, जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल हैं। यह रैपिड ट्रेन मेट्रो से अलग होगी और यात्री लंबी दूरी की यात्रा जल्दी तय करेंगे।
2019 में परियोजना की प्रधानमंत्री मोदी ने रखी आधारशिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च, 2019 में दिल्ली-मेरठ RRTS परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस 82 किलोमीटर लंबी रैपिड रेल परियोजना के जून, 2025 तक पूरा होने जाने की उम्मीद है और यह रेल कॉरिडोर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और मेरठ को आपस में जोड़ेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 30,274 करोड़ रुपये है। दिल्ली-मेरठ के बीच पूरे रूट में कुल 30 रैपिड ट्रेनों को चलाने की तैयारी है और कॉरिडोर में कुल 24 स्टेशन बनाए जाएंगे।