भारत के 90 प्रतिशत हिस्से गर्मी की लहर के 'डेंजर जोन' में, दिल्ली को भी खतरा
क्या है खबर?
भारत में जलवायु परिवर्तन के कारण अप्रैल महीने में कई राज्य गर्मी की लहर (हीटवेव) का सामना कर रहे हैं। इस बीच एक अध्ययन में पता चला है कि देश के 90 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र इन दिनों लू के प्रभाव के कारण डेंजर जोन में हैं और इसमें दिल्ली का पूरा इलाका शामिल है।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के रामित देबनाथ और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए इस अध्ययन के अनुसार, दिल्ली गंभीर लू के प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील है।
अध्ययन
गर्मी की लहरें भारत की प्रगति में बन रही बाधा- रिपोर्ट
इस अध्ययन में कहा गया है कि गर्मी की लहरें संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने की दिशा में भारत को पहले की तुलना में कहीं अधिक महत्वपूर्ण रूप से बाधित कर रही हैं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर लगातार तापमान इसी तरह बढ़ता रहा तो 2030 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर 2.5 प्रतिशत से 4.5 प्रतिशत प्रति वर्ष तक नकारात्मक असर पड़ेगा।
मौत
भारत में 24,000 मौतों का कारण बनी गर्मी
रिपोर्ट के अनुसार, 1992 के बाद से भारत में गर्मी की लहरें 24,000 से अधिक लोगों का मौत की कारण बनी हैं और वायु प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ा है, जिससे ग्लेशियरों के पिघलने की प्रक्रिया भी तेज हुई है।
हाल में महाराष्ट्र में एक पुरस्कार समारोह के दौरान लू के कारण 14 लोगों की मौत हो गई, जो इस तरह की घटनाओं में मौत का सबसे अधिक आंकड़ा है।
गर्मी की लहर
क्या होती है गर्मी की लहरें?
विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान में वृद्धि और मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री, पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री और तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री से अधिक होने पर संबंधित इलाकों को हीटवेव की चपेट में माना जाता है।
इसी तरह जब किसी इलाके में तापमान सामान्य से 4.5 से 6 डिग्री ऊपर पहुंचता है तो हीटवेव क्षेत्र घोषित किया जाता है। इस दौरान इन इलाकों में तेज गर्मी के साथ गर्म हवाओं के थपेड़े लोगों को बेहाल करते हैं।
गर्मी
इस साल गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
भारत में 1901 के बाद से तापमान रिकॉर्ड किया जा रहा है और तब से लेकर अब तक 2023 का फरवरी सबसे ज्यादा गर्म फरवरी महीना रहा। हालांकि, मार्च में सामान्य से अधिक बारिश ने तापमान को थोड़ा बहुत नियंत्रित रखा।
इससे पहले मार्च, 2022 अब तक का सबसे गर्म और 121 सालों में तीसरा सबसे सूखा महीना था। इस साल 1901 के बाद से देश का तीसरा सबसे गर्म अप्रैल भी देखा गया है।