उत्तर प्रदेश: विकास दुबे से जुड़े मामलों की जांच के लिए सरकार ने गठित की टीम
उत्तर प्रदेश सरकार ने गैंगस्टर विकास दुबे से जुड़े मामलों की जांच कराने का निर्णय किया है और इसके लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित कर दिया है। सरकार ने SIT की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी को सौंपी है। इसी तरह अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रविंद्र गौड़ को सदस्य बनाया है।
ऐसे हुआ विकास दुबे का एनकाउंटर
उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, स्पेशल टास्ट फोर्स (STF) की जिस गाड़ी में वह सवार था, वह कानपुर के बर्रा में अचानक पलट गई। हादसे में विकास और चार पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। इसी बीच विकास ने मौका पाकर STF के एक अधिकारी की पिस्टल छीन ली और भागना शुरू कर दिया। पुलिस ने घेराबंदी कर उसे आत्मसमर्पण के लिए कहा, लेकिन उसने फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में गोली लगने से उसकी मौत हो गई।
SIT को 31 जुलाई तक सौंपनी होगी सरकार को रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार ने SIT को मामले के सभी पहलुओं की जांच करते हुए 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। SIT की रिपोर्ट मिलने के बाद ही सरकार मामले में आगे की कार्रवाई करेगी। सरकार ने SIT को मामले की निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा सरकार ने जांच के लिए SIT को कई बिंदू भी दिए हैं। इन्हीं बिन्दुओं के आधार पर जांच करते हुए तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
इन पहलुओं पर की जाएगी जांच
सरकार के आदेश के अनुसार SIT को यह जांच करनी होगी कि विकास दुबे के खिलाफ जितने भी केस हैं, उनमें क्या कार्रवाई की गई? उसके और उसके साथियों के सजा दिलाने के लिए की गई कार्रवाई क्या पर्याप्त थी? विकास दुबे के खिलाफ कितनी जन शिकायतें आईं और उन पर थानाध्यक्ष चौबेपुर और अन्य अधिकारियों ने क्या जांच और कार्रवाई की? विकास और उसके साथियों के पिछले एक साल के कॉल डेटा रिकॉर्ड (CDR) की भी जांच करनी होगी।
इन बिंदुओं पर SIT को देना होगा ध्यान
SIT को यह भी देखना होगा कि विकास दुबे और उसके साथियों के खिलाफ गुंडा और गैंगस्टर एक्ट में क्या कार्रवाई की गई और कार्रवाई में किसी तरह की लापरवाही रही। इसी तरह विकास दुबे में संपर्क में रहे पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की जांच कर कार्रवाई की सिफारिश करने, वारदात के समय अपराधियों के पास मौजूद हथियारों की रिपोर्ट तैयार करने में बरती गई लापरवाही और विकास दुबे को हथियार लाइसेंस कैसे मिला आदि की भी जांच करनी होगी।
विकास दुबे की संपत्ति की भी होगी जांच
SIT को विकास और उसके साथियों के पास अवैध रूप से अर्जित संपत्ति और उसकी आर्थिक गतिविधियों की भी जांच करनी होगी। इस संबंध में स्थानीय पुलिस की क्या ढिलाई रही और कौन अधिकारी दोषी हैं? इसकी भी रिपोर्ट तैयार करनी होगी।
विकास दुबे के एनकाउंटर पर विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
बता दें कि विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर विपक्षी दलों की ओर से सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इसमें समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, बसवा सुप्रीमो मायवती, मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह सहित कई नेताओं ने कहा था कि विकास दुबे की मौत से उसको समर्थन देने वाले कई लोग बच गए। अब उन पर कार्रवाई नहीं हो पाएगी।