तेलंगाना एनकाउंटर की होगी न्यायिक जांच, सुप्रीम कोर्ट ने गठित किया तीन सदस्यीय आयोग
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना एनकाउंटर की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज वीएस सरपुरकर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है।
आयोग में बॉम्बे हाई कोर्ट की रिटायर जज रेखा बालडोटा और CBI के पूर्व निदेशक कार्तिकेयन अन्य सदस्य होंगे। यह आयोग छह महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके अगले आदेश तक कोई और इस मामले की जांच नहीं करेगा।
तेलंगाना एनकाउंटर
क्या था तेलंगाना एनकाउंटर?
पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में हैदराबाद के पास शादनगर में एक महिला डॉक्टर की जली हुई लाश मिली थी। हत्या से पहले डॉक्टर के साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया था। इस मामले में चार लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
पुलिस ने बताया कि उन्हें जब घटना के रिक्रिएशन के लिए घटनास्थल पर ले जाया गया तो उन्होंने पुलिस पर गोलिया चला दी। पुलिस ने जब जवाबी फायरिंग की तो चारों आरोपी मारे गए।
जानकारी
CJI बोले- निष्पक्ष जांच की जरूरत
तेलंगाना एनकाउंटर की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो जनहित याचिका दायर की गई थी। इन पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
दलील
तेलंगाना सरकार ने एनकाउंटर को जायज ठहराया
सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी तेलंगाना सरकार का पक्ष रख रहे थे। उन्होंने एनकाउंटर को वैध ठहराते हुए कहा कि आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर फायरिंग की थी।
इस पर CJI बोबड़े ने कहा, "अगर आप एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों पर आपराधिक अदालत में मुकदमा चलाना चाहते हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते, लेकिन अगर आप कर रहे हैं कि वो निर्दोष हैं तो लोगों को पता चलना चाहिए। इसकी जांच होनी चाहिए।"
दलील
रात को आरोपियों को घटनास्थल पर क्यों लेकर गई पुलिस?
रोहतगी ने कहा कि जब पुलिस आरोपियों को इलाके की पहचान के लिए ले जाना चाहती थी तो थाने के बाहर प्रदर्शन हुए थे। भीड़ से बचाने के लिए पुलिस रात को आरोपियों को घटनास्थल पर लेकर गई।
रोहतगी ने कहा कि आरोपियों को हथकड़ी नहीं लगाई थी। उन्होंने पुलिसकर्मियों से पिस्तौल छीन लिया और उन पर पत्थर भी फेंके।
जब CJI ने सवाल किया तो रोहतगी ने कहा कि आरोपियों ने फायर किए, लेकिन पुलिसकर्मियों को गोली नहीं लगी।
हाई कोर्ट में सुनवाई
तेलंगाना हाई कोर्ट ने लगाई थी आरोपियों के अंतिम संस्कार पर रोक
इससे पहले तेलंगाना हाई कोर्ट में भी महिला और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने एनकाउंटर की वैधता पर सवाल उठाते हुए याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 13 दिसंबर तक एनकाउंटर में मारे गए आरोपियों के शवों का अंतिम संस्कार करने पर रोक लगा दी थी।
साथ ही कोर्ट ने इन शवों को महबूबनगर के सरकारी अस्पताल से हैदराबाद के गांधी अस्पताल में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे।