
2018 से अब तक 15,000 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बिके, SBI ने RTI में बताया
क्या है खबर?
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत मांगे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि पिछले 5 सालों में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड बेचे गए।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना शुरू हुई थी, तब से अभी तक 29 किश्तों में 15,956 करोड़ रुपये के 27,133 यानी 55.9 प्रतिशत मुद्रित चुनावी बॉन्ड बेचे गए हैं।
SBI चुनावी बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत एकमात्र बैंक है।
चुनावी बॉन्ड
23 करोड़ रुपये से अधिक के बॉन्ड PMNRF में स्थानांतरित
यह RTI कार्यकर्ता कमोडोर लोकेश बत्रा (सेवानिवृत्त) की ओर से लगाई गई थी। बत्रा चुनावी बॉन्ड को लेकर पहले भी कई RTI लगा चुके हैं।
RTI में बेचे गए कुल बॉन्ड में से 23 करोड़ रुपये से अधिक के 194 बॉन्ड भुनाए नहीं गए और उन्हें प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) में स्थानांतरित कर दिया गया।
योजना शुरू होने के बाद 2019-2022 के बीच इंडिया सिक्योरिटी प्रेस नासिक ने 28,531.5 करोड़ रुपये के 6,74,250 चुनावी बॉन्ड मुद्रित किए हैं।
योजना
क्या होता है चुनावी बॉन्ड?
चुनावी बॉन्ड एक सादा कागज होता है, जिस पर नोटों की तरह उसकी कीमत छपी होती है।
इसे कोई भी व्यक्ति या कंपनी खरीदकर अपनी मनपंसद राजनीतिक पार्टी को चंदे के तौर पर दे सकता है। बॉन्ड खरीदने वाले की पहचान गुप्त रहती है।
केंद्र सरकार ने 2017 के बजट में इसकी घोषणा की थी, जिसे लागू 2018 में किया गया। SBI हर तिमाही में 10 दिन के लिए चुनावी बॉन्ड जारी करता है।
लाभ
चुनावी बॉन्ड से भाजपा को हुआ ज्यादा फायदा
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के मुताबिक, मार्च, 2018 से जुलाई, 2023 के बीच पार्टियों को चुनावी बॉन्ड के रूप में 13,000 करोड़ रुपये का दान मिला।
2018 और 2022 के बीच SBI द्वारा 9,208 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे गए थे। इनकी 58 प्रतिशत राशि भाजपा को मिली।
वित्त वर्ष 2017-18 और 2021-22 के बीच पार्टियों को बॉन्ड से मिलने वाले चंदे में 743 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।