भारत में स्थानिकता के चरण में पहुंच रहा कोरोना संक्रमण, सामने आते रहेंगे मामले- WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख विज्ञानी डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस उस चरण में प्रवेश कर रहा है, जहां निम्न या मध्यम स्तर का संक्रमण जारी रहेगा। इस चरण को स्थानिकता कहा जाता है और यह महामारी से अलग होता है, जहां वायरस आबादी पर हावी हो जाता है। स्थानिकता के चरण में लोग वायरस के साथ रहना सीख जाते हैं और थोड़े-बहुत अंतराल के बाद कुछ जगहों पर संक्रमण के मामले आते रहते हैं।
कुछ महीनों पहले जैसी नहीं है संक्रमण की स्थिति- स्वामीनाथन
एक समाचार वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में स्वामीनाथन ने कहा कि भारत के आकार, आबादी में विविधता और प्रतिरक्षा की अलग-अलग स्थितियों को देखते हुए यह बहुत संभव है कि देश के कई इलाकों में संक्रमण के कम-ज्यादा मामले सामने आते रहेंगे। उन्होंने कहा, "हम स्थानिकता के चरण में प्रवेश कर रहे हैं, जहां कम या मध्यम स्तर का संक्रमण जारी है, लेकिन यह वैसी वृद्धि नहीं है, जैसी कुछ महीनों पहले देख रहे थे।"
स्वामीनाथन बोलीं- 2022 के अंत तक 70 फीसदी वैक्सीनेशन की उम्मीद
डॉ स्वामीनाथन ने उम्मीद जताई कि अगले साल के अंत तक दुनिया की 70 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका होगा और तब दुनिया पहले की तरह सामान्य की तरफ लौट सकती है। जरूरत से ज्यादा स्टॉक लिए बैठे अमीर देशों से गरीब देशों में वैक्सीन भेजने की अपील करते हुए स्वामीनाथ ने कहा कि यह सबके हित में होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक और नैतिक कारणों से अभी तीसरी खुराक को टाला जा सकता है।
बच्चों में कोरोना के खतरे को लेकर क्या बोलीं स्वामीनाथन?
जब डॉ स्वामीनाथ ने बच्चों में कोरोना के खतरे से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभिभावकों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बच्चे संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन अधिकतर में लक्षण नजर नहीं आते। बहुत कम बच्चे बीमार होंगे और बच्चों में मृत्यु दर भी व्यस्कों की तुलना में कम होगी। इस दिशा में सरकारों की तैयारी को अच्छा बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे दूसरी बीमारियों के लिए भी स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होगी।
तीसरी लहर का अनुमान लगाना संभव नहीं- स्वामीनाथन
डॉ स्वामीनाथन ने कहा कि तीसरी लहर का अनुमान लगाना संभव नहीं है। यह नहीं बताया जा सकता कि तीसरी लहर कब आएगी और यह किन लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी। हालांकि, कुछ कारकों का पता लगाया जा सकता है, जो वायरस के संक्रमण को प्रभावित कर सकते हैं। बता दें कि दुनिया के कई देश इस समय कोरोना की तीसरी लहर से जूझ रहे हैं और भारत में इसके अक्टूबर तक आने की आशंका है।
अगले महीने कोवैक्सिन को WHO की हरी झंडी मिलने की उम्मीद
भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन को अगले महीने के मध्य तक WHO से हरी झंडी मिल सकती है। संगठन की प्रमुख विज्ञानी ने बताया कि भारत बायोटेक ने जुलाई के तीसरे सप्ताह में आंकड़ों का पहला सेट सौंपा और अगस्त के मध्य में अपडेटेड सेट आया था। इसके बाद तकनीकी समिति ने कंपनी से कुछ और जानकारी मांगी है। सितंबर के पहले 10 दिनों में तकनीकी समिति की बैठक है, जिसमें कोवैक्सिन को हरी झंडी मिल सकती है।