गणतंत्र दिवस: राजपथ पर दिखी देश की शक्ति, जानिये परेड में क्या कुछ रहा खास
आज पूरा देश आज 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। आज ही के दिन 71 साल पहले भारतीय संविधान लागू हुआ था। दिल्ली में राजपथ पर हुए समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ध्वजारोहण किया जिसके बाद राष्ट्रगान गाया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद राजपथ पर अलग-अलग राज्यों का झाकियों और देश की सैन्य ताकत की झलकियां दिखाई गई। पहली बार राफेल लड़ाकू विमान ने गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया।
कोरोना के कारण बदला-बदला नजर आया समारोह
कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार गणतंत्र दिवस समारोह काफी बदला-बदला नजर आया। सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए इस बार पिछले साल की तुलना में कम ही दर्शकों को परेड देखने के इजाजत थी। साथ ही दर्शकों के बैठने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कुर्सियां लगाई गई थी। इस बार राजपथ पर सैन्य बलों द्वारा मोटरसाइकिलों पर स्टंट भी नहीं दिखाए गए और परेड द्वारा तय की जाने वाली दूरी भी कम रखी गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
गणतंत्र दिवस की सुबह प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारकर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी परेड देखने राजपथ पहुंचे।
परेड में शामिल हुआ बांग्लादेशी सेना का दस्ता
परेड की शुरुआत में हेलिकॉप्टरों ने दर्शकों पर फूल बरसाए और उसके बाद पूर्व सैनिकों के एक दल ने राष्ट्रपति को सलामी दी। इस बार परेड में आकर्षण का केंद्र बांग्लादेश की सशस्त्र सेनाओं का 122 सैनिकों वाला मार्चिंग दस्ता भी रहा। लेफ्टिनेंट कर्नल अबु मोहम्मद शाहनूर शावोन और उनके डिप्टी लेफ्टिनेंट फरहान इशराक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिबत रहमान के नेतृत्व वाले इस दस्ते में बांग्लादेश की थल सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान शामिल थे।
जाट रेजिमेंट ने शुरू की परेड
गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर होने वाली इस परेड में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के दस्तों ने मार्च किया। सबसे पहले जाट रेजिमेंट और उसके बाद गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों ने अपनी परेड की। इसी तरह जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट के जवानों ने राजपथ पर अपने जज्बे से हर किसी का दिल जीत लिया। थलसेना के बाद वायुसेना और नौसेना के दस्तों ने भी राजपथ पर मार्च किया।
पहली बार दिखी लद्दाख की झांकी
गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार राजपथ पर लद्दाख की झांकी नजर आई। जम्मू-कश्मीर से अलग होकर केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार लद्दाख की झांकी इस परेड का हिस्सा बनी थी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की झांकी ने भी सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। इस झांकी में अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की झलक को दर्शाया गया था। झांकी के पहले भाग में महर्षि वाल्मिकी को रामायण की रचना करते दिखाया गया था।
दुनिया ने देखी भारत की सैन्य ताकत
इस बार गणतंत्र दिवस पर थल सेना ने जंगी टैंक T-90 भीष्म, इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन BMP-दो सरथ, ब्रह्मोस मिसाइल की मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली, रॉकेट सिस्टम पिनाका, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली समविजय आदि का दम दिखाया। वहीं नौसेना अपने पोत INS विक्रांत और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नौसैन्य अभियान की झांकी पेश की। भारतीय वायु सेना हल्के लड़ाकू विमान तेजस और देश में विकसित टैंक रोधी निर्देश मिसाइल ध्रुवास्त्र पर प्रस्तुति पेश की गई।
विमानों ने दिखाए करतब
परेड के आखिरी हिस्से में भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टरों और विमानों ने अपने करतबों से दर्शकों को रोमांचित कर दिया। फ्लाइपास्ट में डकोटा, मिग-29, राफेल, जगुआर और सुखोई-30 और कई हेलिकॉप्टरों ने अपना दम दिखाया। राफेल ने दो जगुआर, दो मिग-29 लड़ाकू विमानों के साथ एकलव्य फॉर्मेशन में उड़ान भरी। इसके बाद फ्लाइपास्ट के आखिर में एक राफेल विमान ने वर्टिकल चार्ली फॉर्मेशन में करतब दिखाते हुए परेड का समापन किया।
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