गणतंत्र दिवस: पहली बार साथ निकलेगी सेना की तीनों अंगों की झांकी, ध्रुव-तेजस नहीं आएंगे नजर
क्या है खबर?
26 जनवरी को देश अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
इस साल कर्तव्य पथ पर निकलने वाली परेड में कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
इतिहास में पहली बार सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, नौसेना और वायुसेना की अलग-अलग झांकियां नहीं होंगी।
इसके अलावा ध्रुव हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान तेजस भी आसमान में नजर नहीं आएंगे।
संयुक्त झांकी
सेना के तीनों अंगों की होगी संयुक्त झांकी
इंडिया टुडे के मुताबिक, गणतंत्र दिवस परेड में इतिहास में पहली बार सेना के तीनों अंगों की एक ही झांकी निकाली जाएगी। इसमें सशस्त्र सेनाओं के बीच एकजुटता और तालमेल पर जोर दिया जाएगा।
इसका उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और समझ को बढ़ावा देना है। संयुक्त झांकी में तीनों सेनाओं के प्रमुख तत्वों को प्रदर्शित करते हुए उनके आधुनिकीकरण, उपलब्धियों और सहयोगात्मक क्षमताओं को दिखाया जा सकता है।
ध्रुव और तेजस
फ्लाईपास्ट में ध्रुव और तेजस नहीं दिखेंगे
गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाले फ्लाईपास्ट में ध्रुव और तेजस विमानों को शामिल नहीं किया गया है।
वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि हाल ही में गुजरात के पोरबंदर में ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद यह फैसला लिया गया है।
वहीं, फ्लाईपास्ट में सिंगल इंजन विमानों को उड़ाना बंद कर दिया गया है। इस वजह से तेजस विमान भी इस साल फ्लाईपास्ट का हिस्सा नहीं होगा।
राफेल विमान
समारोह में 10,000 विशेष अतिथि होंगे शामिल
वायुसेना ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड में 43 विमान हिस्सा लेंगे। इनमें 22 लड़ाकू विमान, 11 परिवहन विमान, 7 हेलीकॉप्टर और 3 डोरनियर निगरानी विमान शामिल हैं।
फ्लाईपास्ट में एक राफेल लड़ाकू विमान भी शामिल होगा। परेड में वायुसेना के मार्चिंग दस्ते में 144 जवान शामिल होंगे।
गणतंत्र दिवस समारोह में पैरालिंपिक दल के सदस्य, गांवों के सरपंच, हथकरघा कारीगर और वन एवं वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता समेत 10,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है।
मुख्य अतिथि
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति होंगे मुख्य अतिथि
गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
सुबियांटो की ये बतौर राष्ट्रपति पहली भारत यात्रा भी होगी। वे 25 जनवरी को भारत आएंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा, "एक व्यापक रणनीतिक साझेदार के रूप में इंडोनेशिया भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिंद-प्रशांत के उसके दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। भारत और इंडोनेशिया के बीच सदियों पुराने मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।"